पटना: चिराग पासवान की ओर से तेजस्वी यादव को 'नादान' बताए जाने पर यहां की सियासत गरमा गई है. चिराग पासवान के बयान पर तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है. तेजस्वी यादव ने कहा, "हां, इसमें दिक्कत क्या है? वह बड़े भाई हैं, लेकिन बड़े भाई के साथ जो भाजपा ने किया और उनके साथ जो व्यवहार किया, छोटा भाई बर्दाश्त नहीं कर सकता. उनकी पार्टी तोड़ी गई, जिस तरह से दलित नेता रामविलास पासवान की मूर्ति को फेंका गया, वह गलत था. चिराग पासवान पीएम मोदी के हनुमान बने रहें, लेकिन जिस तरह से भाजपा ने उनके साथ बर्ताव किया, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता."


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प्रशांत किशोर का दावा है कि भाजपा का प्रदर्शन पिछले चुनाव से भी बेहतर रहेगा, पर तेजस्वी ने कहा, "वह भाजपा के एजेंट हैं. यह बात आप सब लोगों ने सुनी होगी. अब, जब भाजपा हारने वाली है, तो भाजपा ने उनसे बोलवाना शुरू कर दिया है. माहौल बनवाना शुरू कर दिया है. प्रशांत किशोर जी को मेरे चाचा नीतीश कुमार ने कहा था कि मैंने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमित शाह के कहने पर बनाया था. आज तक उसका खंडन ना अमित शाह ने किया है और ना प्रशांत किशोर ने किया है. वह वीडियो मेरे पास अभी भी है. शुरू से ही ये भाजपा के लिए काम कर रहे हैं."


उन्होंने आगे कहा, "जो इनके साथ काम करेगा, वह पार्टी बर्बाद हो जाएगा. यह हम जानते हैं. आप देखे होंगे, पदयात्रा कर रहे थे. एक स्ट्रेटेजी के तहत भाजपा उनको घुमवा रही है और फंड कर रही है. वह अपने जिला अध्यक्ष को सैलरी पर रखे हुए हैं. विश्‍व की सबसे अमीर पार्टी भाजपा भी जिलाध्यक्ष सैलरी पर नहीं रखती है, लेकिन वह रखते हैं. पता नहीं, इनके पास इतना पैसा कहां से आता है?"


चिराग पासवान के नादान कहने पर तेजस्वी ने कहा, "इसमें नादानी कहां है, 200 सभाएं किसी ने की हैं क्या? मेरे कमर में चोट होने के बावजूद अगर देश की जनता संविधान और लोकतंत्र बचाने, बेरोजगारी से आजादी दिलाने के लिए हम जनता के बीच जा रहे हैं, जनता के लिए काम कर रहे हैं तो मेरी समझ से यह कोई नादानी तो नहीं है. जिसकी पार्टी छीन ली गई, जिसकी पार्टी तोड़ दी गई, जिनके पिताजी को बेइज्जत किया गया. क्या-क्या नहीं कहा गया. जिनका घर छीन लिया गया, जिनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह छीन लिया गया, फिर भी वह मोदी के हनुमान बने रहें."


प्रधानमंत्री मोदी के बिहार आगमन पर तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर 400 पार करना आसान रहता तो वे लोग बार-बार बिहार आते क्या? हर दो दिन बाद प्रधानमंत्री बिहार आ रहे हैं. दो-तीन सभा कर रहे हैं, क्योंकि उनको बिहार से अच्छा फीडबैक नहीं जा रहा है, इसलिए पीएम मोदी पूरा जोर लग रहे हैं।


इनपुट- आईएएनएस


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