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साहेबगंज:Jharkhand News: साहेबगंज मंडल कारा में आज एक विचाराधीन कैदी की मौत के बाद जमकर हंगामा देखने को मिला. मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है. वहीं सदर अस्पताल के चिकित्सक डा. तबरेज आलम के अनुसार कैदी को जब अस्पताल लाया गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. सभी प्रकार से जांच करने के बाद ही कैदी को मृत घोषित किया गया. पहली नजर में यह एक स्वाभाविक मौत लग रहा है लेकिन पोस्टमार्टम के बाद ही मृत्यु की सही कारण का पता लग सकेगा.
बता दें कि मंडल कारा में बंद असलम अंसारी उर्फ भोलू को पिछले वर्ष 2023 में साहिबगंज में हुई रामनवमी दंगा मामले में नगर थाना पुलिस लगातार आत्मसमर्पण करने का दबाव बना रही थी. जिसके बाद भोलू अंसारी ने 9 मई 2024 को साहिबगंज न्यायालय में आत्मसमर्पण किया और आज उनकी मंडल कारा में मौत हो गई. भोलू की मौत की खबर सुनकर नगर थाना क्षेत्र के कुलीपाड़ा से उनके परिजन सदर अस्पताल पहुंचकर प्रशासन से इस मौत की जांच की मांग की.
वहीं अस्पताल पहुंचने के बाद अपने पति असलम का शव देखकर सुल्ताना बेगम दहाड़ मारकर रोने लगी. सुल्ताना बेगम समेत उसके मुहल्ले के लोगों ने ये आरोप लगाया है कि पथराव मामले असलम व उसके पुत्र रिंकू का नाम नहीं था. लेकिन पुलिस की तरफ से लगातार दिखाई जा रही सख्ती के चलते दोनों को सरेंडर करना पड़ा था. पत्नी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने से पहले उसका पति बिल्कुल स्वस्थ था. जेल में अगर उसके पति की तबीयत खराब हुई, तो जेल प्रशासन को इस बारे में परिजनों को जानकारी देनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. जिसके बाद सुल्ताना ने जिला पुलिस प्रशासन से पूरे मामले की जांच करने की मांग की है.
इनपुट- पंकज वर्मा