Bihar: इस गांव में 250 सालों से नहीं मनाई गई होली, रंग लगाते ही टूट पड़ता है मुसीबतों का पहाड़, जानें इसके पीछे का कारण
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Bihar: इस गांव में 250 सालों से नहीं मनाई गई होली, रंग लगाते ही टूट पड़ता है मुसीबतों का पहाड़, जानें इसके पीछे का कारण

  Bihar News In Hindi: पूरे बिहार  में 25 मार्च को होली मनाई जाएगी. इसको लेकर मुंगेर के अंदर फागुन का रंग अभी से चढ़ने लगा है. हालांकि मुंगेर जिले में एक ऐसा भी गांव है, जहां पिछले 250 वर्षों से होली नहीं खेली जा रही है.

बिहार के इस गांव में 200 सालों से नहीं मनी होली

मुंगेर:  Bihar News In Hindi: पूरे बिहार  में 25 मार्च को होली मनाई जाएगी. इसको लेकर मुंगेर के अंदर फागुन का रंग अभी से चढ़ने लगा है. हालांकि मुंगेर जिले में एक ऐसा भी गांव है, जहां पिछले 250 वर्षों से होली नहीं खेली जा रही है. इस गांव में यदि कोई होली मनाना भी चाहता है, तो अनहोनी हो जाती है. यह गांव मुंगेर जिले के असरगंज प्रखंड स्थित सजुआ पंचायत का है। इस पंचायत में एक गांव में दांगी जाति के लोग रहते है और इस गांव में एक सती स्थान है। होली नहीं मानाने के पीछे जो कारण है वो हैरान करने है.

गांव के लोग बताते हैं कि लगभग 250 वर्ष पूर्व इस गांव मे कुछ दांगी समाज के लोग रहते थे. जहां उस वक्त होली के दौरान एक महिला के पति की मृत्यु हो गयी थी और जैसे उस व्यक्ति की अर्थी उठी और गांव के उस स्थान तक आते-आते महिला ने भी प्राण त्याग का ठान लिया. महिला इतनी दैविक शक्ति वाली थी कि उसके शरीर में खुद ही आग लग गई. इस दौरान महिला ने गांव के लोगों से कहा था कि यहां अब कभी होली नहीं मनाई जाएगी और उसकी बेटी से कोई ही झूठे बर्तन और काम नहीं कराएगा. लेकिन गांव वालों ने उसकी बेटी से काम कराया. इसके बाद महिला फिर से उत्पन्न हुई और अपनी बेटी को भी अग्नि में समा ले गई. इन दोनों मां बेटी की समाधि आज भी मौजूद है. इसी स्थान को लोग सती स्थान मंदिर के नाम से जानते हैं. 

होली मनाने की कोशिश करने वालों के घर हो जाती है बड़ी दुर्घटना

गांव की बुजुर्ग महिला और ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें याद भी नहीं है कि इस गांव में कभी होली मनाई गई हिया. हमारे पूर्वजों ने भी बताया कि कभी इस गांव में होली नहीं मनाई जाएगी. हालांकि कुछ साल पूर्व गांव के ही एक व्यक्ति ने होली के दिन पकवान बनने की कोशिश की तो उसके घर में आग लग गई थी. ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति उस दिन होली मनाना चाहता है, उसके साथ बहुत बड़ी दुर्घटना होती है. इस गांव की बेटी जब दूसरे घर जाती है, तो वहां पर वह होली मना सकती है. लेकिन इस गांव का कोई बेटा चाहे यहां से दूर ही क्यों ना हो, वो होली नहीं मना सकता है. इस गांव के लोग वैशाख में होली मनाते हैं.

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