एक डॉक्टर ने खोल दी बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल, वीडियो हो रहा वायरल
बड़ी खबर बगहा से आ रही है जहां रामनगर स्थित संजीवनी क्लीनिक के संचालक व गौनाहा में पदस्थापित मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कमरुजम्मा का एक वीडियो सोशल साइट्स पर तेजी से वायरल हो रहा है.
बगहा : बड़ी खबर बगहा से आ रही है जहां रामनगर स्थित संजीवनी क्लीनिक के संचालक व गौनाहा में पदस्थापित मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कमरुजम्मा का एक वीडियो सोशल साइट्स पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें चिकित्सा पदाधिकारी न केवल स्वास्थ्य विभाग के कारनामे उजागर कर रहे हैं बल्कि जिले के सबसे बड़े अधिकारी व CMO पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए देश के पीएम तक को लेकर भद्दी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. गौनाहा PHC में बतौर एमओ पदस्थापित डॉ कमरुजम्मा के इस वीडियो में उन्होंने खुद पूर्व सीएस को तमाचा जड़ने के साथ-साथ अवैध हथियार से उनको डराने धमकाने तक का खुलासा किया है.
डॉक्टर के दावे से स्वास्थ्य महकमें में मची खलबली
इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग में एमओ से लेकर सीएमओ तक कि कुर्सी पर बैठने वालों को चोर व देश का गद्दार उन्होंने बताया है. जिसके बाद स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई है और सिस्टम की किरकिरी हो रही है. दरअसल पश्चिमी चंपारण जिला में अवैध नर्सिंग होम और झोला छाप डॉक्टरों का मकड़जाल है. एक सरकारी चिकित्सक के नाम पर कई फर्ज़ी क्लिनिक संचालित हो रहे हैं. तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में इस बात की तस्दीक खुद सरकारी चिकित्सक ही कर रहे हैं. इतना ही नहीं सिविल सर्जन पर पैसा लेकर अवैध नर्सिंग होम चलवाने का आरोप भी लगा रहे हैं.
पश्चिम चंपारण में गली-गली में मिलेगा एक फर्जी क्लीनिक
बताया जा रहा है कि पश्चिम चंपारण जिले में गली मोहल्लों में सरकारी डॉक्टरों का नेम प्लेट लगा कर झोलाछाप सर्जरी जैसे गंभीर चिकित्सा को अंजाम दे रहे हैं. कई दफा इस तरह के निजी अस्पतालों में मरीजों के मरने की खबर भी आ चुकी है. जिसको लेकर जिला प्रशासन काफी संजीदा है. बगहा की एसडीएम डॉ अनुपमा सिंह ने आते ही अवैध और फर्जी चिकित्सकों को लेकर सघन छापेमारी अभियान चलाया है, क्योंकि बगहा की अनुमंडल पदाधिकारी पहले खुद भी MBBS MS रह चुकी हैं. नतीजतन उन्होंने इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए टीम गठित कर रामनगर में लगातार छापेमारी अभियान चलाया है. जिसके तहत अब तक आधा दर्जन गैर निबंधित निजी नर्सिंग होम के संचालकों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है और कई अवैध नर्सिंग होम सील भी किए गए हैं. इसी जांच के दौरान वैसे 7 महिलाओं का यूटरस भी निकालने का मामला सामने आया था जिनकी उम्र 40 के करीब या उससे कम थी जिसकी अभी जांच चल रही है.
कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल चिकित्सक कमरूजम्मा का वीडियो हो रहा तेजी से वायरल
इसी बीच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौनाहा में कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल एक चिकित्सक कमरूजम्मा का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें वह बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था और पूरे प्रशासनिक सिस्टम पर ही सवाल उठाते देखे जा रहे हैं. वायरल वीडियो में डॉक्टर कमरूजम्मा खुद स्वीकार कर रहे हैं की उनका चार-पांच जगह क्लिनिक चलता है. जबकि सच्चाई यह है की जिले में दर्जनों झोलाछाप डॉक्टर उनके नेम प्लेट व लेटर हेड का इस्तेमाल करते हैं.
21 दिन की जेल की सजा भी भुगत चुके हैं कमरूजम्मा
वायरल वीडियो में एमओ कमरूजम्मा को यह भी कहते सुना जा रहा है की इस कृत्य के लिए उनपर कई बार प्राथमिकी दर्ज हुई है और 8 केस दर्ज हुए हैं और तत्कालीन जिलाधिकारी लोकेश कुमार सिंह के कार्यकाल में वे 21 दिन जेल की सजा भी भुगत चुके हैं. इतना ही नहीं वायरल वीडियो में आला अधिकारियों के बारे में अपशब्द बोलने से भी इन्होंने गुरेज नहीं किया है. एक तत्कालीन सिविल सर्जन को थप्पड़ मारने और अवैध आर्म्स से धमकाने की बात भी वीडियो में साफ-साफ सुना जा सकता है. इन सबके अलावा इन्होंने वर्तमान सिविल सर्जन पर लाखों रुपए घूस लेकर अवैध नर्सिंग होम संचालित करने का सनसनीखेज आरोप भी लगाया है.
सिविल सर्जन पर भी कमरूजम्मा ने लगाए अवैध उगाही के आरोप
इन सभी मामलों पर पश्चिम चंपारण के सिविल सर्जन वीरेंद्र कुमार चौधरी का कहना है की कोई भी चिकित्सा पदाधिकारी 2 जगह से ज़्यादा प्रैक्टिस नहीं कर सकता है, रही बात सर्ज़री की तो उसके लिए ज़िले में 28 नर्सिंग होम और अस्पताल रजिस्ट्रर्ड हैं. उनमें रामनगर स्थित संजीवनी क्लीनिक जो गौनाहा के चिकित्सा पदाधिकारी कमरुजम्मा चलाते हैं जो पूरी तरह अवैध है शीध्र ही उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. दूसरी ओर वायरल वीडियो में गौनाहा के एमओ डॉक्टर कमरुजम्मा ने सीएस पर अवैध उगाही व रुपये मांगने के जो आरोप लगाए गए हैं उसको सीएस ने सिरे से खारिज करते हुए कहा की डेढ़ साल के कार्यकाल में अब तक उन्होंने किसी से एक रुपया भी नहीं लिया है.
सीएस के मुताबिक बगहा अनुमण्डल क्षेत्र अंतर्गत रामनगर में जन्म सिन बाई हिल स्टेशन प्राइवेट लिमिटेड व शिवम होमियो क्लिनिक को छोड़कर बाक़ी कोई भी निजी अस्पताल व क्लीनिक पंजीकृत व वैध नहीं है और जब प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई व छापेमारी होती है उसके पहले ही इन फर्ज़ी अस्पताल संचालकों को भनक लग जाती है. लिहाजा वह क्लिनिक छोड़ फरार हो जाते हैं. एक तरफ इस वायरल वीडियो पर सीएमओ की प्रतिक्रिया भी आ गई है और दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव का भी आज वाल्मीकीनगर दौरा है तो ऐसे में इस गंभीर मामले पर उनका क्या रूख रहता है और सरकार समेत स्वास्थ्य विभाग इस मामले में कोई जांच और कार्रवाई करता भी है या नहीं यह देखने वाली बात होगी.
(REPORT- IMRAN AJIJ)
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