Bihar Flood: खतरे में है यूपी-बिहार की लाइफ लाइन! डीएम किया पीपी तटबंध पर बचाव कार्य का औचक निरीक्षण
Bihar Flood: बगहा के गदियानी में पीपी तटबंध पर गंडक नदी से कटाव का खतरा बढ़ गया है. यहां नदी लगभग सात सौ मीटर के दायरे में तटबंध के समीप तेजी से कटाव कर रही है. एक तरफ नदी की धारा तकरीबन 3 मीटर नजदीक पहुंच गई है तो वहीं दूसरी तरफ नदी की धारा 5 मीटर के करीब पहुंच गई है.
बगहा:Bihar Flood: बगहा के गदियानी में पीपी तटबंध पर गंडक नदी से कटाव का खतरा बढ़ गया है. यहां नदी लगभग सात सौ मीटर के दायरे में तटबंध के समीप तेजी से कटाव कर रही है. एक तरफ नदी की धारा तकरीबन 3 मीटर नजदीक पहुंच गई है तो वहीं दूसरी तरफ नदी की धारा 5 मीटर के करीब पहुंच गई है. गदियानी ढाला नदी की धारा में विलीन हो गया है. इसके डाऊन स्ट्रीम में लगभग सौ मीटर में कवर कर तटबंध की पटरी पर नदी कटाव कर रही है. जिसे देखते हुए जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने बचाव कार्य का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. सरकारी स्तर पर जो भी मदद है लोगों को किया जाएगा. बांध को बचाने के लिए पुरजोर कोशिश किया जा रहा है. हर हाल में बांध को बचाया जाएगा.
दूसरी ओर जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर मौके पर कैंप कर रहे हैं. जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर अशोक रंजन खुद ही कटाव स्थल पर मौजूद हैं. इसके साथ ही सभी जल संसाधन विभाग के अधिकारी और कर्मी लगातार कटाव स्थल पर बचाव नियंत्रण का काम कर रहे हैं. दरअसल यूपी बिहार की लाइफ लाइन पीपी तटबंध के अस्तित्व बचाने के लिए अफरा तफरी मची हुई है. कर्व एरिया में डाउन स्ट्रीम में रंगललही ठोकर तक गंडक नदी तेज़ी से कटाव कर रही है. चीफ इंजीनियर ने कहा है कि एंटीरोजन वर्क फ्लैंक आऊट हो जाने के बाद गदियानी रंगललही को अतिसंवेदनशील मान लिया गया है. तटबंध बचाने के लिए अलर्ट मोड में काम हो रहा है. बीते दो दिनों से स्थिति काफी खराब हुई थी जो आज हद तक नियंत्रण में कर लिया गया है.
बता दें कि मधुबनी धनहा के गदियानी ढाला (16.5 किमी पीपी तटबंध) के अप स्टीम में बांध के एपरन (पटरी) में तेज कटाव हो रहा है. फसल सहित खेत नदी की धारा में विलीन हो रहा है. तटबंध का अस्तित्व बचाने के लिए अफरा तफरी मची हुई है. लिहाजा औचक निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी सीओ पर भड़क गए और जांच के क्रम में जिलाधिकारी ने एक-एक बिंदु को गहराई से देखते हुए उसपर अधिकारियों और इंजीनियरों से विचार विमर्श किया. इसके साथ ही स्थानीय लोगों से भी कटाव रोकने के दिशा में विचार किया.
इनपुट- इमरान अजीज