बगहा:Bihar Flood: बदलते मौसम के बीच बगहा में गण्डक नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव जारी है. नेपाल के तराई क्षेत्र में हुए भारी बारिश के कारण कल जहां एक ओर 2.93लाख क्यूसेक पानी वाल्मीकिनगर गंडक बराज से डिस्चार्ज किया गया था. जिसके बाद इलाके में बाढ़ की संभावना तेज हो गई थी. वहीं आज महज 24 घंटे के भीतर गंडक बराज का डिस्चार्ज घटकर 1.60 लाख क्यूसेक के करीब आ गया है. जिसके बाद जल संसाधन विभाग ने राहत की सांस ली है. लेकिन नदी तट पर रहने वाले लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुई है.


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दरअसल नेपाल से निकलने वाली काली गण्डकी जो भारत में वाल्मीकि नगर से प्रवेश के बाद नारायणी गंडक के नाम से जानी जाती है. गण्डक नदी का स्वभाव ऐसा है कि जलस्तर बढ़ने के साथ निचले इलाकों में बाढ़ की तबाही मचाने लगती है तो वहीं जैसे जैसे नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज होती है तो उतनी तेजी से कटाव शुरू हो जाता है. कभी बाढ़ तो कभी कटाव से दियारावर्ती इलाके व निचले हिस्से में लोग दो चार होते हैं. इस बार भी हालात कुछ ऐसे ही हैं. जब यहां एक दिन में बाढ़ तो दूसरे दिन कटाव औऱ दबाव बनाने वाली गण्डक अब फ़िर एक बार दियारावर्ती इलाके के लोगों को डरा रही है.


लिहाजा जल संसाधन विभाग की ओर से नदी तट पर बांधों की सतत निगरानी की जा रही है. जहां कटाव हो रहे हैं वहां बचाव कार्य एंटी रोजन वर्क में अधिकारी और कर्मचारी जुटे हुए हैं. सबसे ज्यादा दबाव अभी ठकरहा प्रखंड के ठकरहा व हरख टोला में है. जहां तीन दिन पहले गण्डक नदी भीषण कटाव कर रही थी लेकिन मंगलवार औऱ बुधवार को जलभराव के बाद थोड़ी स्थिरता आई है. अब फ़िर एक बार दबाव व कटाव की समस्या उतपन्न होने लगी है हालांकि जल संसाधन विभाग की ओर से SDO निशान्त कुमार के नेतृत्व में एंटी रोजन कार्य कराए जा रहे हैं.


इनपुट- इमरान अजीज


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