मोतिहारी : गुजरात के मोरबी पुल हादसे की तरह रक्सौल अनुमंडल में बड़ा पुल हादसा होने का खतरा बढ़ गया है. सरकार जल्द सचेत नहीं हुई तो बिहार के रक्सौल में ऐसी घटना घट सकती है.


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रक्सौल में है ये जर्जर पुल, 60 से 70 गांवों को जोड़ता है 
ये मौत का पुल रक्सौल अनुमंडल के रामगढ़वा प्रखण्ड अन्तर्गरत भेड़िहाडवा गांव में स्थित है. यह जर्जर पुल बेला नहर चौक से 60 से 70 गांवों को जोड़ते हुए जिला मुख्यालय मोतिहारी तक व्यस्त सड़क मार्ग में भेड़िहाडवा गांव के पास है. यह पुल सन 1980 के दशक में ग्रामीण क्षेत्रों को जिला मुख्यालय तक जोड़ने के लिए बनाया गया था, लेकिन करीब 4 दशक बाद भी पुल के मरम्मती का कार्य नहीं हुआ है. जिसके वजह से पुल पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. 


इस पुल पर जंग लगे छड़ साफ दिखने लगे हैं
इस पुल के ऊपरी सतह पर एवं नीचे जंग लगे छड़ साफ दिखने लगे हैं. जर्जर पुल के पिलरों में दरारें आ गई है. जब इस पुल पर वाहन चलता है तो पुल में कंपन होती है. पुल पूरी तरह से थरथराने लगता है. लोग मौत को साथ रखकर पुल पार करते हैं. 


कई बार हो चुके हैं पुल पर हादसे 
कई बार इस पुल पर हादसे हो चुके हैं. कुछ दिन पूर्व मालवाहक वाहन के पुल पर चढ़ते ही पुल बीच में धंस कर दो हिस्से में टूट गया था. अब प्रशासन ने टूटे हुए पुल के हिस्से में ईंट का टुकड़ा डालकर एवं बांस बल्ला लगाकर सरकार की नाकामी को छुपाने की पुरजोर कोशिश की है. फिर भी हिलता हुआ यह पुल एवं जंग लगे बाहर निकाला हुआ सरिया सरकार के नाकामी की कहानी बता रहा है. सड़क विभाग के द्वारा बड़े वाहनों के प्रवेश वर्जित का एक बोर्ड लिखकर कोने में लटका दिया है. लेकिन बड़े वाहनों को पुल पर जाने से रोकने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है. 


ऐसे में स्थनीय निवासी बड़े हादसे का अंदेशा जाता रहे हैं. उनका कहना है की कोई यात्री वाहन जर्जर पुल के चपेट में आया तो गुजरात के मोरबी पुल हादसे से बड़ा मौत का आंकड़ा भेड़िहाडवा गांव में होगा. सरकार इस पर संज्ञान लेकर इसकी मरम्मत कराए. 
(रिपोर्ट- पंकज कुमार)


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