मुजफ्फरपुर में ढाई करोड़ की लागत से बना पुल कभी भी हो सकता है ध्वस्त
Bihar News: मीनापुर विधानसभा क्षेत्र के गोसाईपुर टेंगरहा टोले मछुआ कोइली गांव पहुंची. वहां के आम लोगों से बातचित की तो कहा कि जर्जर पुल और एप्रोच पथ की मरम्मती के लिए कई बार जिला प्रशासन के यहां शिकायत की,लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई है और यह पुल इतना खतरनाक है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर के जिला के मीनापुर विधानसभा क्षेत्र के गोसाईपुर टेंगरहा टोले मछुआ कोइली गांव में सांसद के फंड से तकरीबन 10 वर्ष पहले ढाई करोड़ की लागत से पुल बना था. जिसके पाया में दरार आने से कभी भी ध्वस्त हो सकता है. पुल पर चलने से लोग अब परहेज करने लगे हैं. पुल का एप्रोच पथ पहले वारिश में क्षतिग्रस्त हो चुका है और इतना खतरनाक हो चुका हैं कि कोई व्यक्ति विपरीत दिशा से आए तो सीधे पुल के नीचे गिर जाएगा.
जानकारी के लिए बता दें कि बिहार में जहां एक तरफ लगातार पुल पुलियों का गिरना जारी है और उसको लेकर सियासत चरम सीमा पर है. इसके बाबजूद अभी भी संबंधित अधिकारी जर्जर पुल पर संज्ञान लेते नजर नहीं आ रहे हैं. जिस कारण जी बिहार झारखंड की टीम लगातार मुजफ्फरपुर के तमाम जर्जर पुलो के रियलिटी चेक कर आम जनता आवाज को सरकार से लेकर अधिकारियों तक पहुंचाने का काम कर रही है. ऐसे में आज जी बिहार झारखंड की टीम मीनापुर विधानसभा क्षेत्र के गोसाईपुर टेंगरहा टोले मछुआ कोइली गांव पहुंची. वहां के आम लोगों से बातचित की तो कहा कि जर्जर पुल और एप्रोच पथ की मरम्मती के लिए कई बार जिला प्रशासन के यहां शिकायत की,लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई है और यह पुल इतना खतरनाक है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
स्थानीय लोगों ने कहा कि दर्जनों गांव के लोगों को प्रखंड मुख्यालय से ले कर जिला मुख्यालय जाने के यही पुल का रास्ता सुगम है. एक साइड का एप्रोच पथ वारिस के पानी में बह गया है और दूसरे साइड से होकर छोटी बड़ी सभी गाड़ियां गुजरती है. लोगों को भय बना रहता है, यहां तक कि पुल के पाया में भी दरार आ चुका है और नदी में पानी आ जाता है तो पुल भी ध्वस्त हो सकता है. अभी से भी पुल का मरम्मती कर दिया जाता तो पुल को ध्वस्त होने से बचाया जा सकता है.
इनपुट - मणितोष कुमार