मुजफ्फरपुर: Muzaffarpur News: बिहार के मुजफ्फरपुर के चर्चित किडनी काण्ड की पीड़िता सुनीता की लंबे इलाज के दौरान श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SKMCH) में मौत हो गई. दो साल तक किडनी के अभाव में डायलीसिस पर जिंदगी मौत से जूझती सुनीता ने आखिरकार दम तोड़ दिया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर सुनीता की डिमांड एक बार फिर से तेज हो गई. सुनीता के मौत के बाद अब उसके तीन बच्चों लेकर लोगों ने फिक्र जताई, लेकिन इसी बीच सकरा के जदयू विधायक अशोक चौधरी ने सुनीता के बच्चों के लिए बड़ा ऐलान कर दिया.


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सकरा विधायक अशोक चौधरी ने बताया कि जब सुनीता के साथ किडनी वाली घटना हुई थी तो उन्होंने ही सबसे पहले उसे अस्पताल पहुंचाया था, फिर उसका इलाज कराया. हालांकि किडनी नहीं थी तो वो सिर्फ डायलिसीस पर जिंदा थी, लेकिन अब सुनीता की मौत हो गई. ऐसे में सुनीता के तीनों बच्चों की देखभाल विधायक खुद करेंगे और उसकी पढ़ाई लिखाई का पूरा खर्चा उठाएंगे.


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जदयू विधायक अशोक चौधरी ने कहा कि मैं खुद बिना किडनी का हूँ, डायलिसिस पर जीवित हूँ, तो सुनीता को कैसे मरने देता, मैंने उससे वादा किया था कि उसका रेगुलर डायलिसिस करवाऊंगा. डायलिसिस की वजह से सुनीता इतने दिनों तक जी सकी. हालांकि उसके पति ने किडनी देने की पेशकश की थी, लेकिन सुनीता अपने बच्चों की खातिर पति को किडनी देने से मना कर दिया.


आपको बता दें कि साल 2022 में गर्भाशय के ऑपरेशन के नाम पर झोलाछाप डॉक्टर ने सुनीता की दोनों किडनी निकाल ली थी. उसके बाद से ही उसकी हालत खराब थी. दो साल से सुनीता SKMCH में भर्ती थी. जहां हर दूसरे दिन उसका डायलिसिस होता था. सोमवार को सुनीता ने आखिरकार दम तोड़ दिया.


इनपुट- मणितोष कुमार


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