Muzaffarpur:  जिले में कोरोना महामारी के दौरान 780 मानव बल की बहाली की गई थी, जिसमें जीएनएम, एएनएम, एमटीएस डाटा ऑपरेटर का पद शामिल था.  हालांकि इस प्रक्रिया में काफी ज्यादा लापरवाही बरती गई थी. जिसके बाद डीएम मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार के द्वारा डीडीसी के नेतृत्व में एडीएम, एसडीओ और मुसहरी सीओ को शामिल करते हुए एक टीम बनाया गई थी. 


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इस टीम ने अपनी जांच ने पाया है कि इस प्रक्रिया के दौरान काफी ज्यादा अनिमियतता पाई गई है. इसमें सिविल सर्जन के अलावा 2 क्लर्क और एक डाटा ऑपरेटर के खिलाफ लापरवाही की बात कहीं गई है. अधिकारियों ने यह पाया कि सिर्फ व्हाट्सएप पर ही नाम और पता मंगाकर नियुक्ति पत्र दे दिया गया है. इसमें करीब 400 लोगों को ऐसे ही नियुक्ति पत्र मिलें हैं. इसके अलावा लोगों ने गलत जाती प्रमाण पत्र का भी प्रयोग किया है. 


इस मामले पर एसडीओ पूर्वी डॉ कुंदन कुमार ने कहा कि डीएम सर द्वारा बनाई गई डीडीसी के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम का हिस्सा मुझे भी बनाया गया था. जिसके जांच के क्रम में हम लोगों ने काफी अनियमितता पाई है. ऐसा प्रतीत हुआ कि बहुत सारे नियुक्तियों में सिर्फ व्हाट्सएप से ही मंगा कर पत्र जारी किया गया है. पूरे प्रकरण में चिन्हित किये गए लोगों के खिलाफ हमने रिपोर्ट को जिलाधिकारी को सौप दिया है. 


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बता दें कि इस नियुक्ति प्रक्रिया में एक नहीं दो-दो बार चयन रद्द किया गया है. जिसमें एक बार मुजफ्फरपुर के डीएम द्वारा इस पूरी प्रक्रिया को रद्द करने का पत्र निर्गत हुआ था. जिसके बाद पुनः सीएस द्वारा सभी को बहाल किया गया था. फिर महज 24 घंटे में ही स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी द्वारा पूरी प्रक्रिया को निरस्त करने का पत्र निर्गत हुआ था.


(इनपुट: मनोज)