पूरे देश समेत बिहार में गोवर्धन पूजा की गई. इस पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है. यह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है जिसे भगवान कृष्ण की तरफ से गोकुल के लोगों को मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए किए गए गोवर्धन पर्वत के उठाने के बाद से मनाया जाता है.
गोवर्धन पूजा पूरे देश में मनाया जा रहा है. यह दिन विशेष आध्यात्मिक महत्व रखता है, क्योंकि यह स्वर्ग के राजा इंद्र के अहंकार पर भगवान कृष्ण की बुद्धि की जीत का प्रतीक है.
गोवर्धन पूजा बहुत महत्वपूर्ण है. खास तौर में हिन्दू धर्म में इसका विशेष महत्व है. पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपने उंगली पर उठाकर इंद्र देव की घमंड को चूर-चूर कर दिया था.
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन से गोवर्धन पर्वत की पूजा किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन दान करने से पुण्य मिलता है और पापों से मुक्ति मिलती है. साथ ही जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.
पूरे बिहार में गोवर्धन पूजा की गई. इस दौरान गोबर का पर्वत बनाकर पूजा की जाती है. पूजा के दिन श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का विधान है.
मोतिहारी में भी गोवर्धन पूजा बड़े विधि-विधान के साथ किया गया. आप तस्वीरें में देख सकते हैं कि गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा की जा रही है. ऐसी तस्वीरें पूरे साल में केवल एक बार देखने को मिलता है.
आप इस तस्वीर में देख सकते हैं कि महिलाएं गोवर्धन पूजा कर रही हैं. इस दौरान पूजा की सारी सामाग्री उनके पास है. वह पूजा में पूरी तरह से लीन हैं.
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