Ramnagar News: रामनगर में मिला मिड डे मिल की थाली में चूहों का शौच, सिस्टम पर फिर उठे सवाल!
Ramnagar News: रामनगर के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुड़ेरा में मिड डे मिल में चूहों का शौच मिलने के बाद बच्चे भड़क गए और अपना अपना खाना फेंक कर विरोध जताया है. थाली का भोजन फेंकने वाला वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है और एक मर्तबा फिर मिड डे मिल के तहत बच्चों को खिलाए जाने वाले पौष्टिक खाने पर सवाल उठने लगे हैं.
Ramnagar News: बिहार के बगहा जिला में मिड डे मिल खाने से बीमार हुए बच्चों का मामला अभी थमा भी नहीं था कि इसी बीच रामनगर में बच्चों के मिड डे मिल थाली में चूहों का शौच मिलने की घटना से हड़कंप मच गया है. लिहाजा, स्कूली बच्चों ने भोजन की थाली फेंक दी है और अब यह वीडियो सोशल साइट्स पर तेजी से वायरल हो रहा है.
दरअसल, रामनगर के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुड़ेरा में मिड डे मिल में चूहों का शौच मिलने के बाद बच्चे भड़क गए और अपना अपना खाना फेंक कर विरोध जताया है. थाली का भोजन फेंकने वाला वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है और एक मर्तबा फिर मिड डे मिल के तहत बच्चों को खिलाए जाने वाले पौष्टिक खाने पर सवाल उठने लगे हैं.
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इस मामले में विद्यालय के प्रधानाध्यापक विनोद कौशल ने बताया की यह वायरल वीडियो उनके ही स्कूल का है यह उन्हें पता नहीं है, क्योंकि बच्चों ने कब थाली फेंका और वीडियो वायरल किया मुझे जानकारी नहीं मिल पाई. मैं उस वक्त बच्चों का स्मार्ट क्लास ले रहा था. उसी दरम्यान आठवीं और नौवीं क्लास के छात्र छात्राओं ने भोजन की थाली लाकर दिखाया और बताया की इसमें चूहों का शौच है. रैट पिट्स मैंने भी उनके थाली में देखा और समझा बुझाकर वापस भेज दिया. वहीं, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नंद किशोर सिंह ने बताया कि वायरल वीडियो की जानकारी उन्हें भी मिली है. इस वीडियो की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.
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बता दें कि दो महीने पहले बगहा के नरवल बरवल स्थित मध्य विद्यालय में मिड डे मिल खाने से सैकड़ों बच्चे बीमार पड़ गए थे, जिसके बाद अस्पताल में सभी बच्चों का इलाज किया गया था. अभी इस मामले की जांच चल ही रही है. इसी बीच फिर से मिड डे मिल की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. गौरतलब है कि मीड डें मिल सरकारी स्कूलों में NGO के मार्फ़त आपूर्ति कराई जाती है जो पहले विद्यालयों में बना करता था, लेकिन जब से NGO को इसका जिम्मा दिया गया है तब से लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही हैं. लिहाजा शिक्षा विभाग की इस व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.
रिपोर्ट: इमरान अजीज