बगहा : बगहा के मंगलपुर स्थित एसएसबी 21 वीं बटालियन मुख्यालय परिसर में सशस्त्र सीमा बल का 60 वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ खेलकूद का कार्यक्रम आयोजित किया गया. दरअसल, बगहा में इंडो नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी चुनौतियों के साथ देश की सुरक्षा में जुटी हुई है.


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सीमा की सुरक्षा में एसससबी जवान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं. सशस्त्र सीमा बल मूल रूप से 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद 20 दिसंबर 1963 को स्पेशल सर्विस ब्यूरो के नाम से स्थापित किया गया था. कारगिल युद्ध के बाद एसएसबी के कार्य क्षेत्र और भूमिका में परिवर्तन कर इसे वर्ष 2001 में गृह मंत्रालय के अधीन कर दिया गया. बाद में सीमा रक्षक बल बनाकर 1751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा पर एवं सन 2004 में 699 किलोमीटर लंबी भारत भूटान सीमा पर देश की रक्षा का दायित्व सौंपा गया. भारत सरकार ने सन 2004 में नई भूमिका के अनुरूप इसका नाम बदलकर सशस्त्र सीमा बल कर दिया.


आज देशभर में एसएसबी अपना 60 वां स्थापना दिवस मना रहा है. इस मौके पर एसएसबी मुख्यालय मंगलपुर औसानी के प्रांगण में खेलकूद समेत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. साथ ही सभी जवानों के साथ तीसरे नेत्र की तर्ज पर कार्य करने वाले डॉग स्क्वायड के करतब भी दिखाए गए. इस मौके पर एसएसबी 21 वीं बटालियन के कमांडेंट श्रीप्रकाश ने बताया कि नेपाल और भूटान सीमा पर सशस्त्र सीमा बल के जवान वर्षों से तैनात हैं. 


बगहा में इंडो नेपाल बॉर्डर पर वाल्मिकीनगर खुली सीमा होने की वजह से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है बावजूद इसके हमारे जवान काफी मुस्तैदी से 24 घन्टें कार्य करते हैं और नारकोटिक्स, मानव व पशु तस्करी, शराब समेत कई अपराध खासकर संदिग्ध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में खास चौकसी बरतनी पड़ती है. लिहाजा ट्रेंड डॉग स्क्वायड के साथ जवानों की मुस्तैदी सरहद पर की गई है इसपर सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए सीमाई लोगों से भी मदद ली जाती है. सीमा, सुरक्षा और बंधुत्व के फार्मूले पर SSB सरहद पर राष्ट्र की सेवा में जुटी है.


इनपुट- इमरान अजीजी 


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