पूर्वी चंपारण में बनेगा विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग, 33 फीट होगी ऊंचाई, इस महीने से शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य
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पूर्वी चंपारण में बनेगा विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग, 33 फीट होगी ऊंचाई, इस महीने से शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया-चकिया मार्ग पर कैथवलिया-बहुआरा में विराट रामायण मन्दिर का निर्माण 20 जून से प्रारंभ होगा.  महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

 (फाइल फोटो)

Patna: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया-चकिया मार्ग पर कैथवलिया-बहुआरा में विराट रामायण मन्दिर का निर्माण 20 जून से प्रारंभ होगा.  महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने मंगलवार को यह जानकारी दी. कुणाल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 2025 के सावन तक इस मन्दिर में विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी और उसी साल के अंत तक विराट रामायण मन्दिर का निर्माण भी पूरा हो जाएगा. 

उन्होंने बताया कि मन्दिर के कुल 12 शिखरों की साज-सज्जा में और दो साल का समय लगेगा.  कुणाल ने बताया, 'विराट रामायण मन्दिर तीन मंजिला होगा.  मन्दिर में प्रवेश करते ही प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश के दर्शन होंगे.  आगे बढ़ने पर काले ग्रेनाइट की चट्टान से बने विशाल शिवलिंग के दर्शन होंगे. ' 

 

उन्होंने बताया कि महाबलिपुरम में 250 टन वजन के ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम भी बनाया जा रहा है.  कुणाल ने बताया कि शिवलिंग का वजन 210 टन, ऊंचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट होगी.  

कुणाल ने बताया कि इतने वजन के शिवलिंग को लाने के लिए चकिया से कैथवलिया तक 10 किलोमीटर लंबी सड़क और पुल-पुलिया के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण का अनुरोध बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव से किया गया है.  उन्होंने बताया, 'मन्दिर का क्षेत्रफल 3.67 लाख वर्गफुट होगा.  सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा.  दूसरा शिखर 198 फीट का, जबकि 180 फीट के चार शिखर होंगे.  135 फीट का एक शिखर और 108 फीट ऊंचाई के पांच शिखर होंगे. ' कुणाल ने बताया कि विराट रामायण मन्दिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट है.  

उन्होंने बताया कि अयोध्या में बन रहे रामलला मन्दिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट है.  जबकि सबसे ऊंचा शिखर 135 फीट का है.  कुणाल ने बताया, 'विराट रामायण मन्दिर में शैव और वैष्णव देवी-देवताओं के कुल 22 मन्दिर होंगे.  मन्दिर निर्माण के लिए 120 एकड़ जमीन उपलब्ध है.  इसे जानकी नगर के रूप में विकसित किया जाएगा जहाँ कई आश्रम, गुरुकुल, धर्मशाला आदि होंगे. ' 

(इनपुट भाषा के साथ) 

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