नालंदा: हर साल पूरे देश में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, ताकि हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले. महिलाओं को सम्मान देने के लिए उन्हें अपने अधिकार के प्रति जागरूक करना इस दिन को मनाने का मकसद है. महिलाओं के हौसले को बुलंद करने और समाज में पहले असमानता को दूर करने के लिए इस दिन का काफी महत्व होता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानकारी के लिए बता दें कि आज नालंदा जिले में लड़कियां अपना असमानता को दूर करने के लिए हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. वही जूडो कराटे सीखकर भी लड़कियां आत्मनिर्भर बन रही है. पहले लड़कियों को घर से बाहर निकलने में हिचकिचाहट होती थी, लेकिन अब अभिभावक खुद अपनी बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. बिहार शरीफ के हेल्थ क्लब में दर्जनों बच्चियों को मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बच्चों को आत्मरक्षा के लिए तैयार करना और उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाना है.


जूडो कराटे का प्रशिक्षण देने वाली शीतल खड़गी ने बताया कि पहले लड़कियों को घर से बाहर निकलने में डर लगता था. लड़कियों की शादी जल्द हो जाती थी लेकिन अब अभिभावक खुद अपनी बेटियों को प्रशिक्षण के लिए ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज के समय में लड़कियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं. प्रशिक्षण ले रही छात्रा संजना वत्स ने कहा कि आज के समय में लड़कियों के लिए खुद को साबित करना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि लड़कियां हर क्षेत्र में आगे हैं और उन्हें घर से निकलकर खुद को साबित करने का मौका दिया जाना चाहिए. जिस रफ्तार से आपराधिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है, वैसी स्थिति में आत्मसुरक्षा बेहद जरुरी है.


इसके अलावा बता दें कि मार्शल आर्ट्स आत्मसुरक्षा का एक बेहतरीन माध्यम है. यह बच्चों को खुद को बचाने के लिए आवश्यक तकनीकों को सीखने में मदद करता है. आज जिले की सैकड़ो लड़कियां जूडो कराटे सीखने में काफी रुचि ले रही है.


इनपुट- ऋषिकेश


ये भी पढ़िए- बेतिया की रैली से पीएम मोदी ने थारू समाज की शान में गढ़े कसीदे, कहा— प्रकृतिप्रेमियों से सीखना चाहिए