बिहार में बच्चों की मौत का आंकड़ा 63 पहुंचा, अस्पतालों में बेड तक देने में सरकार नाकाम
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बिहार में बच्चों की मौत का आंकड़ा 63 पहुंचा, अस्पतालों में बेड तक देने में सरकार नाकाम

सभी बच्चे हाइपोग्लीसेमिया के शिकार हुए हैं, यह ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर बहुत घट जाता है और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो जाते हैं. मुजफ्फरपुर के दो सरकारी अस्पतालों में 63 बच्चों की मौत हुई जिनमें से एक अस्पताल का स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने दिन में दौरा किया था. 

दिमागी बुखार का सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर जिले में है. प्रतीकात्मक तस्वीर

पटना/मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में दिमागी बुखार की चपेट में आने से शुक्रवार को नौ और बच्चों की मौत के साथ ही इस महीने अब तक 63 बच्चों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों के मुताबिक ये मौतें हाइपोग्लीसेमिया की वजह से हुई हैं. उन्होंने बताया कि सभी बच्चे हाइपोग्लीसेमिया के शिकार हुए हैं, यह ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर बहुत घट जाता है और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो जाते हैं. मुजफ्फरपुर के दो सरकारी अस्पतालों में 63 बच्चों की मौत हुई जिनमें से एक अस्पताल का स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने दिन में दौरा किया था. 

केजरीवाल अस्‍पताल में 3 बच्‍चों की मौत
जिला प्रशासन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक शुक्रवार को शाम छह बजे तक श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में छह बच्चों और केजरीवाल अस्पताल में तीन बच्चों की मौत हो गई थी.

विज्ञप्ति के मुताबिक एसकेएमसीएच में जिन नौ बच्चों का इलाज चल रहा है उनकी हालत गंभीर है. साथ ही बताया गया कि केजरीवाल अस्पताल में पांच बच्चों की हालत नाजुक है. 

जागरूकता ही इस बीमारी से बचाव का उपाय
स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सकों एवं अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि शुक्रवार से छह और एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाएंगी और 100 बेड वाले नये वार्ड का संचालन जल्द ही शुरू किया जाएगा. पांडे ने कहा कि बीमारी को रोकने के लिए लोगों में जागरुकता फैलाने की जरूरत है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही संबंधित अधिकारियों को प्रभावित जिलों में बचाव कार्य का निर्देश दे चुके हैं.