मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को जातीय समीकरण पर बयान देने वाले पार्टियों पर निशाना साधा है. आरएलएसपी ने बिहार की जातीय समीकरण पर बयान दिया था.
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सासारामः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को जातीय समीकरण पर बयान देने वाले पार्टियों पर निशाना साधा है. हालांकि उन्होंने किसी पार्टी और नेता का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने कहा कि कुछ लोग जातीय समीकरण बैठाने में व्यस्त रहते हैं. उन्हें हर वक्त वोट की चिंता रहती है. उन्हें हमेशा यही लगा रहता है कि वोट बैंक कैसे बढ़ाया जाए. बता दें कि आरएलएसपी लगातार जातीय समीकरण की बात कर रहा है. और खुद को जेडीयू से बड़ी पार्टी मान रहा है.
नीतीश कुमार गुरुवार को सासाराम जिले में करगहर के सुबेदार सिंह महाविधालय मे काँलेज के संस्थापक सुबेदार सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान सीएम ने एक सभा को भी संबोधित किया.
नीतीश कुमार ने कहा कि वह काम की चिंता करते हैं. वह कभी जातीय समीकरण बैठाने पर व्यस्त रहते हैं. कुछ लोग सिर्फ मतलब के लिए बयानबाजी करते हैं और उसी पर भरोसा करते हैं. उन्हें काम से मतलब नहीं है. हर काम से वोट की चिंता करते हैं.
वहीं, आरएलएसपी के नेता नागमणि ने भी जातीय समीकरण की बात कही. उन्होंने कहा कि कुशवाहा समाज के बिना किसी की सरकार बनना संभव नहीं है. बिहार में 10 प्रतिशत कुशवाहा समाज का वोट है. इसलिए हमारे बिना सरकार नहीं बनाया जा सकता है. साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार को भी अपना नेता मानने से इनकार किया है. खबर यह भी है कि एनडीए की सहयोगी पार्टी आरएलएसपी की ओर से उपेंद्र कुशवाहा पटना में आयोजित भोज में शामिल नहीं हुए हैं.
आरएलएसपी के विरोध से अब बिहार में राजनीति गरमा गई है. वहीं, जेडीयू की ओर से श्याम रजक ने भी लोकसभा सीट को लेकर बड़ा बयान दिया है कि जेडीयू 25 सीट से कम पर चुनाव नहीं लड़ेगी.