पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम ने यह कठोर संदेश दिया है कि लोकतंत्र में न कोई समुदाय किसी का बंधुआ वोटर है, न अब 'थेथरोलाजी' (बेकार की बातों) से जनता को गुमराह किया जा सकता है.


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मोदी ने यहां शनिवार को कहा, "लालू प्रसाद की पार्टी जिस समाज को अपना बंधुआ समझती थी, उस समाज के पांच उम्मीदवार एनडीए के टिकट पर जीते, दूसरी तरफ आरजेडी का कोई प्रत्याशी नहीं जीत पाया."


 



उपमुख्यमंत्री मोदी ने पत्रकारों से कहा, "लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती और समधी चंद्रिका राय को भी पराजय का सामना करना पड़ा, जबकि यदुवंशी समाज के नित्यानंद राय, अशोक यादव, रामपाल यादव, दिनेश चंद्र यादव और गिरधारी यादव राजग के टिकट पर विजयी रहे." 


सुशील मोदी ने कहा कि पड़ोसी उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के परिवार की बहू डिंपल यादव और अन्य रिश्तेदारों की हार भी यही साबित करती है कि कोई समुदाय किसी का बंधुआ नहीं, बल्कि वह देशभक्ति, खुशहाली और विकास के लिए विवेक-सम्मत मतदान करता है.


सुशील मोदी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल तक गरीबी और आतंकवाद से लड़ने की जो बड़ी लकीर खींची, उसके सामने जात-पात की राजनीति बेमानी हो गई. लोकतंत्र जनता के ऐसे फैसलों से बचा है, किसी के पदयात्रा करने की नौटंकी से नहीं."