इन युवाओं में जिंदा हुए दशरथ मांझी, पहाड़ का सीना चीरकर बनाया रास्ता
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इन युवाओं में जिंदा हुए दशरथ मांझी, पहाड़ का सीना चीरकर बनाया रास्ता

बिहार के रोहतास जिले के अंतर्गत आने वाले तिलौथू के पास कैमूर पहाड़ी पर 'तुतुला भवानी'कामंदिर है.जहां पहुंचने का रास्ता काफी दुर्गम था.तीन पहाड़ी नदियों को पार करने के बाद जंगली रास्तों से लोग वहां पहुंच पाते थे.

बिहार के ही दशरथ मांझी ने अकेले चीर दिया था पहाड़ का सीना, अब रोहतास के युवाओं ने किया ऐसा ही कारनामा.

अमरजीत कुमार,  रोहतास: कहते हैं कि अगर इंसान में हौसला हो,तो वह पहाड़ का भी सीना चीर के रख दे. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है रोहतास जिला के तिलौथू के कुछ युवाओं ने. गया के दशरथ मांझी से प्रेरणा लेकर यहां के कुछ युवाओं ने भी पहाड़ काटकर 2 किलोमीटर लंबी सड़क बना डाली है. उल्‍लेखनीय है कि बिहार के रोहतास जिले के अंतर्गत आने वाले तिलौथू के पास कैमूर पहाड़ी पर 'तुतुला भवानी'कामंदिर है.जहां पहुंचने का रास्ता काफी दुर्गम था.तीन पहाड़ी नदियों को पार करने के बाद जंगली रास्तों से लोग वहां पहुंच पाते थे.

स्‍थानीय लोगों के अनुसार, मंदिर के लिए रास्‍ता न होने के चलते कई बार लोग दुर्घटना का शिकातर हो जाते थे. कुछ साल पहले, जब यहां के युवाओं ने गया के पहाड़ पुरुष दशरथ मांझी की कहानियां सुनी, तो इन लोगों में भी हौसला आया. इन युवाओं ने भी दशरथ मांझाी के तर्ज पर पहाड़ काट कर सड़क बनाने की ठान ली.

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उन्‍होंने बताया कि 'तुतला भवानी' मंदिर दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ लगातार हो रहे हादसों से सबक लेकर यहां के युवाओं ने प्रण लिया कि वे लोग भी दशरथ मांझी की तरह पहाड़ को काट देंगे.गांव के युवाओं ने हाथ से हाथ बढ़ाया और पहाड़ के किनारे को काट-काट कर दो किलोमीटर लंबी सड़क हाथों से बना दिया.