जिले के कई गांवों में बाहरी ही नहीं बल्कि दूसरे मुहल्ले के लोगो के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है. झारखंड के चतरा के बाराबागी कान्हाचट्टी गांव के प्रवेश द्वार पर ही ग्रामीण युवकों ने बैरिकेटिंग कर दी है.
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चतरा: कोरोना का ख़ौफ़ लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगा है. इसके भय का ही नतीजा है कि जिले के कई गांवों में बाहरी ही नहीं बल्कि दूसरे मुहल्ले के लोगो के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है. झारखंड के चतरा के बाराबागी कान्हाचट्टी गांव के प्रवेश द्वार पर ही ग्रामीण युवकों ने बैरिकेटिंग कर दी है.
इस बैरिकेटिंग में खासकर वैसे लोगों को गुजरना पड़ रहा है जो दूसरे राज्यों से काम कर गांव लौट रहे हैं. वैसे लोगों को गांव में प्रवेश से पूर्व सीधा अस्पताल भेजा जा रहा है. मेडिकल की फिटनेस रिपोर्ट देने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है.
प्रवेश द्वार की पहरेदारी युवाओं के द्वारा दिन रात की जा रही है. इसके लिए युवाओं की टोली को शिफ्ट बांटकर पहरेदारी की ड्यूटी लगाई गई है. जिससे इन गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है. जहां जहां रोक लगाई गई है उनमें जिला मुख्यालय का प्रोफेसर कालोनी, कान्हाचट्टी प्रखंड का डुमरी, बाराबागी तथा टंडवा प्रखंड का सिसई गांव शामिल है.
कोरोना जैसे बीमारी से घर गांव व समाज को बचाने के लिए बैरिकेटिंग की व्यवस्था की गई है. इसके तहत बाहरी लोगों के ही प्रवेश पर रोक नही लगाई गई है बल्कि गांव के लोगों को भी बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है. बाहर से किसी प्रकार का सामान की खरीददारी करने से भी लोगों को रोका जा रहा है.