निजी स्कूलों की फीस के विरोध में अभिभावकों का प्रदर्शन, कहा-झारखंड सरकार कर रही लीपापोती
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निजी स्कूलों की फीस के विरोध में अभिभावकों का प्रदर्शन, कहा-झारखंड सरकार कर रही लीपापोती

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उन्होंने झारखंड सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि, शिक्षा मंत्री बार-बार कह रहें हैं कि, लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस न वसूला जाय, फिर बाद में पलट गए.

निजी स्कूलों की फीस के विरोध में अभिभावकों का प्रदर्शन, कहा-झारखंड सरकार कर रही लीपापोती.

बोकारो: लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूले जाने को लेकर अभिभावक संघ ने रविवार को झारखंड के बोकारो के गांधी चौके के पास मौन धरने के तहत आंदोलन किया. इस दौरान सभी अभिभावकों ने हाथों में तख्ती लिए हुए थे, जिसमे लिखा हुआ था, 'नो स्कूल नो फीस'.

बोकारो के सेक्टर 4 के गांधी चौक के पास महात्मा गांधी के मूर्ती के सामने अभिभावकों ने इस आन्दोलन का आयोजन किया. इसमें विरोध किया गया कि, लॉकडाउन के दौरान  दुकान और व्यापार दोनों बंद हैं, इस कारण अभिभावक आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. ऐसे समय में स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से फीस कैसे वसूल सकते हैं.

अभिभावकों का कहना है कि, लॉकडाउन के कारण छात्र स्कूल भी नहीं गए और अभिभावक तंगी हाल में है. आखिर वो इतने सारे चार्जेस जो स्कूल के तरफ से लगाया गया है, उसे कैसे भेरेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि, प्राईवेट स्कूल आखिरकार मानवीय मूल्यो को भी कैसे ताक पर रख सकते हैं.

धरने दे रहे लोगों ने कहा कि, सूबे कि सरकार केवल लीपापोती मे लगी हुई है. उन्होंने झारखंड सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि, शिक्षा मंत्री बार-बार कह रहें हैं कि, लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस न वसूला जाय, फिर बाद में पलट गए और ट्यूशन फीस की बात कहने लगे.

अभिभावकों ने कहा कि, स्कूल प्रबंधन ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं जबकि, कितनों छात्रों के पास मोबाइल नहीं है. साथ ही, किसी के पास है तो, इस पढाई से बच्चों की ऑंख प्रभावित हो रही है. जिसका हम विरोध करते हैं. इसलिए जब तक पूरी तरह से फीस वापस नहीं होगी और जब तक कोरोना (Corona) है, तब तक स्कूल न खुले.