पटनाः एक बार फिर से सूबे के सबसे बड़े अस्पताल समेत नौ मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा को ठप करने का निर्णय लिया है और सरकार को चेतावनी भरे लहजे में जानकारी दी है कि, अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो 23 सितम्बर से सभी जूनियर डॉक्टर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. जिससे प्रदेश मरीजों और डॉक्टर्स दोनों की ही चिंताएं बढ़ गई हैं. पीएमसीएच समेत 9 मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर 23 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है.


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जूनियर डॉक्टर के अध्यक्ष शंकर भारती ने पटना मेडिकल कॉलेज के कैंपस में जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक कर यह निर्णय लिया है कि, चिकित्सा शिक्षा नीति और चिकित्सकों के बहाली की मांग और इंटर्न छात्रों को मौका नहीं देने समेत कुल आठ मांगों को लेकर वह 23 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे.


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डॉक्टर्स का कहना है कि वह अपनी मांगों को लेकर बिहार सरकार को कई बार पत्र लिख चुके हैं और लिखित रूप में अपनी मांगों की जानकारी सरकार को दे चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया और उनकी मांग को अब तक पूरा नहीं किया गया है और न ही इसे लेकर उन्हें किसी तरह का आश्वासन दिया गया है. जिसे लेकर 23 सितंबर की सुबह आठ बजे से वह इमरजेंसी सेवा समेत तमाम सेवा ठप रखेंगे. कोई भी जूनियर डॉक्टर तब तक ड्यूटी पर वापस नहीं लौटेगा, जब तक उनकी मांगें नहीं सुनी जाती.



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जेडीए अध्यछ शंकर भारती ने मीडिया के वाट्सएप ग्रुप में यह साफ तौर पर लिखा है कि पटना मेडिकल कॉलेज के साथ राज्य के सभी आठ मेडिकल कॉलेज हड़ताल पर रहेंगे और सरकार को चेतावनी भी दी है इस बार जब तक सरकार हमारी मांग को नहीं मानेगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी. सबसे बड़ी बात यह है कि सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में हर दिन सैकड़ों मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं, लेकिन हड़ताल के बाद तो मरीजों को अब भगवान भरोसे ही रहना होगा. ऐसे में जूनियर डॉक्टर्स की यह हड़ताल कहीं सरकार के लिए मुसीबत न खड़ी कर दे.