केंद्र में कर्पूरी फार्मूला लागू करने के लिए रोहिणी आयोग का गठन बड़ी पहल- सुशील कुमार मोदी
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केंद्र में कर्पूरी फार्मूला लागू करने के लिए रोहिणी आयोग का गठन बड़ी पहल- सुशील कुमार मोदी

Patna News: सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद 1990 में सामाजिक न्याय की दुहाई देकर मुख्यमंत्री बने, लेकिन अपने शासनकाल के दौरान पिछड़ों- अतिपिछड़ों को आरक्षण दिए बिना पंचायत चुनाव करा कर उन्होंने सामाजिक न्याय का ही गला घोंटा. 

 

राज्यसभा सासंद सुशील मोदी. (फाइल फोटो)

Patna: राज्यसभा सासंद सुशील मोदी (Sushil Kumar Modi)ने केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ करते हुए ट्वीट किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने केंद्र सरकार की आरक्षण नीति में पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्गीकरण लागू करने के लिए रोहिणी आयोग का गठन किया. सभी दल इस वर्गीकरण के लिए मांग करते रहे, लेकिन आयोग बनाने की ठोस पहल पीएम मोदी ने ही की. परिवारवादी RJD ने कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) के विचारों से दूरी बनाई और पार्टी के पोस्टर से भी उनकी तस्वीर हटा दी, जबकि BJP कर्पूरी फार्मूले का दायरा केंद्र सरकार तक बढ़ाने में लगी है. 

उन्होंने आगे कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने तत्कालीन जनसंघ के समर्थन से पिछडों को 26 फीसद आरक्षण दिया था. बिहार के उस आरक्षण फार्मूले में  पिछडे़-अतिपिछडे़ का वर्गीकरण किया गया, लेकिन दस साल तक UPA सरकार का समर्थन करने वाले लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) केंद्र की आरक्षण नीति में कर्पूरी फार्मूला लागू नहीं करा पाए.  

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सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद 1990 में सामाजिक न्याय की दुहाई देकर मुख्यमंत्री बने, लेकिन अपने शासनकाल के दौरान पिछड़ों- अतिपिछड़ों को आरक्षण दिए बिना पंचायत चुनाव करा कर उन्होंने सामाजिक न्याय का ही गला घोंटा. जब 2005 में BJP-JDU की सरकार आई, तभी पहली बार पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू किया गया.