मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि '81 गलत चिकित्सा पदाधिकारी जो बिना अनुमति ड्यूटी से अनुपस्थित रहे. उनको सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.
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पटनाः बिहार के स्वास्थ्य महकमे के लिए बड़ खबर आई है. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में अनुपस्थित डॉक्टरों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है. बिहार राज्य मंत्रिमंडल ने पांच साल से अधिक समय तक ड्यूटी से अनुपस्थित 64 डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त किये जाने को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Nitish Kumar) की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के एक प्रस्ताव पर इस आशय का निर्णय लिया गया. बर्खास्त किये गए इन डॉक्टरों को अररिया, औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, भोजपुर और दरभंगा सहित विभिन्न जिलों में पदस्थापित किया गया था. इसके अलावा इस बैठक में 41 एजेंडों पर मुहर लगी है.
अपर मुख्य सचिव ने दी जानकारी
इस बारे में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि '81 गलत चिकित्सा पदाधिकारी जो बिना अनुमति ड्यूटी से अनुपस्थित रहे. उनको सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि यह कदम उठाने से पहले संबंधित डॉक्टरों को उनकी अनुपस्थिति का कारण स्पष्ट करने के लिए कई अवसर दिए गए लेकिन उन्होंने अपना जवाब प्रस्तुत नहीं किया. इसके बाद ये कार्रवाई की गई है.'
तेजस्वी यादव ने दिया था निर्देश
सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में 41 एजेंडों पर मुहर लगी. वहीं, डॉक्टरों पर लिए गए एक्शन के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. तेजस्वी यादव स्वास्थ्य विभाग को लेकर काफी बीते दिनों से काफी सक्रिय हैं. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बनते ही प्रदेश के सभी जिले के सदर अस्पताल के लिए 'मिशन 60' का टास्क दिए थे. साथ ही डॉक्टरों को कई निर्देश भी दिए थे. इस मिशन 60 टास्क में कई अस्पतालों में खामियां नजर आई थीं तो कई अस्पतालों में डॉक्टर भी नदारद मिले थे.