देशभर में दुमका की बेटी अंकिता की मौत के बाद से बवाल मचा हुआ है. अंकिता की मौत के बाद देश भर के लोगों में आक्रोश है और वो हत्यारे के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं. इसी बीच अंकिता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
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Ranchi: देशभर में दुमका की बेटी अंकिता की मौत के बाद से बवाल मचा हुआ है. अंकिता की मौत के बाद देश भर के लोगों में आक्रोश है और वो हत्यारे के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं. इसी बीच अंकिता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस वीडियो में अंकिता ने अपनी आपबीती बताई है.इस वीडियो में अंकिता ने बताया कि शाहरुख सुबह 5 बजे उसे मारने के लिए आया था.
अंकिता के द्वारा दिया गया आखिरी बयान
अपने आखिरी वीडियो में अंकिता ने बताया कैसे सनकी शाहरुख उसे परेशान कर रहा था. इस दौरान अंकिता ने वीडियो में बताया है कि शाहरुख ने सोते समय उस पर पेट्रोल डालकर आग लगाईं थी.
'जैसे मैं मर रही हूं, वैसी ही मौत उसे भी मिले'
रांची में इलाज के दौरान दर्द से कराहते हुए अंकिता ने जो भी कहा, उसे सुनकर सब सन्न रह गए. अंकिता ने जिस तरह से मैं मर रही हूं, आरोपी शाहरुख को भी वैसी ही मौत मिले." अंकिता अब इस दुनिया में नहीं है. 5 दिन जिंदगी-मौत से संघर्ष करने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था.
एक्शन में हेमंत सरकार
इस केस की जांच के लिए SIT का गठन कर दिया गया है. CM हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन काफी ज्यादा सक्रिय हो गई है. SP दुमका के नेतृत्व में SIT की टीम का गठन किया गया है. ये टीम ही अब इस मामले की जांच करेगी. इस मामले की निगरानी खुद SP दुमका कर रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में अभी तक मुख्य आरोपी शाहरूख सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
इस मामले को लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय के एडीजी एम एल मीणा ने बताया कि इस मामले में हर पहलू से जांच हो रही है.इस घटना के बाद फोरेंसिक और सीआईडी की टीम भी अंकिता के घर पहुंच गई है और जांच कर रही है.
CWC ने भी जांच की मांग
झारखंड के दुमका जिले में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने कहा कि एक व्यक्ति ने 12वीं कक्षा की जिस छात्रा को आग लगायी थी वह नाबालिग थी तथा उसने पोक्सो कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की. समिति ने कहा कि छात्रा की 10वीं कक्षा के अंकपत्र के अनुसार उसकी उम्र 16 साल के आसपास थी और वह बालिग नहीं थी जैसा कि पुलिस ने दावा किया. दुमका सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने कहा, 'हम सिफारिश करते हैं कि प्राथमिकी में बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून की धाराएं भी जोड़ी जाए क्योंकि हमारी जांच के मुताबिक लड़की नाबालिग थी."