पटना: मनुष्य के शरीर में नाभि का बहुत ही महत्व बताया गया है. नवजात शिशु से गर्भनाल को अलग करने के कारण नाभि का निर्माण होता है. नाभि को लेकर बात करें तो मनुष्य के शरीर के लिए उसकी एक अलग विशेषता है, सभी अपरा संबंधी स्तनपाइयों में नाभि होती है, लेकिन मनुष्य के शरीर पर एक अलग ही दिखाई देती है. साथ ही बता दें कि नाभि के स्तर पर कमर के आसपास की त्वचा की आपूर्ति दसवें वक्ष रीढ़ की नस द्वारा ही दी जाती है.


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जानकारी के लिए बता दें कि नाभि मनुष्य के पेट पर होती है, इसकी पहचान दूर से ही हो जाती है. पेट पर एक छोटा सा गड्डा होता हो, जो दूर से ही दिखाई पड़ता है. हालांकि इन्हें इन दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, नाभियां वास्तव में अलग-अलग लोगों में माप, गहराई, लंबाई और आकार के समग्र स्वरूप के मामले में व्यापक रूप से काफी भिन्न होती है. नाभि से जुड़े तत्वों को लेकर हम बात करेंगे सामुद्रिक शास्त्र की, जो भारतीय ज्योतिष का एक मुख्य प्रमुख अंग है.


विशेषज्ञों की मानें तो नाभि के आधार पर विभिन्न अंगों की संरचना को बड़े ही आराम से देखा जा सकता है. नाभि के माध्यम से ही आप एक व्यक्ति के बारे में आंकलन बड़े ही आराम से कर सकते हैं. अगर किसी स्त्री की बात करें तो नाभि को कैसे पढ़ा जा सकता है. इसके लिए  ज्‍योतिषाचार्य की मानें तो महिलाओं की नाभि के आधार पर उसके व्‍यक्तित्‍व का आंकलन कर रहे है.


ज्‍योतिषाचार्य की मानें तो यदि किसी महिला की नाभि लंबवत है, मतलब खड़ी और वक्रीय है तो वह बहुत सुंदर होती है. इसके अलावा वो महिला अपने किसी भी काम के प्रति काफी हद तक रुचि रखती हैं. हाथ ही अपने काम में एक परफेक्‍शन पसंद करती हैं. लोगों को जानकारी के लिए बता दें कि अगर किसी महिला की नाभि गोलाकार है तो वो एक गृहस्थ परिवार और जमीन से जुड़ी महिलाएं होती हैं. साथ ही बहुत दयालु व ईमानदार भी होती हैं. जिस महिली की नाभि गोल होती है उसका स्वास्थ्य हमेशा बढ़िया होता है.


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