Patna: बिहार में दुर्लभ मस्क्युलर अट्रोफी बीमारी से पीड़ित 10 महीने के मासूम अयांश को बचाने के लिए चल रही मुहिम में अब एक नया मोड़ आ गया है. अपने बेटे अयांश के इलाज के लिए पिता आलोक कुमार सिंह ने धोखाधड़ी के पुराने मामले को लेकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है.


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दरअसल, आलोक सिंह 10 साल पहले रांची में मर्चेंट नेवी का इंस्टिट्यूट चलाया करते थे. उनके साथियों सहित उनपर यह आरोप है कि यहां गलत तरीके और झूठी जानकारी देकर बच्चों का एडमिशन कराया जाता था. साथ ही यहां बच्चों के साथ फर्जीवाड़े का काम किया जाता था.


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जानकारी के अनुसार, इस मामले में निशांत कुमार पांडे ने 8 अक्टूबर 2011 को फर्जीवाड़े सहित अन्य आरोप में आलोक सिंह, अजीत कुमार सिंह और आदित्य सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. वहीं, धोखाधड़ी के इस 10 साल पुराने मामले में आरोपी आलोक कुमार ने न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में सरेंडर किया है, जिन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया.


गौरतलब है कि अयांश की बीमारी का इलाज करने के लिए 16 करोड़ की जरूरत है, जिसमें से क्राउडफंडिंग के जरिए 6.8 करोड़ रुपए जुटाए जा चुके हैं लेकिन कुछ लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि बेटे की बीमारी का बहाना बनाकर मोटी रकम का जुगाड़ किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि पैसे मिलने के बाद आरोपी आलोक कुमार फरार हो जाएगा. इसी क्रम में इन आरोपों को देखते हुए बेटे के इलाज के लिए आलोक कुमार ने जेल जाने का फैसला करते हुए अदालत में सरेंडर कर दिया है.