पटना: बिहार सरकार ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार और पूर्णिया के एसपी दयाशंकर को सस्पेंड कर दिया. दोनों के निलंबन को लेकर गृह विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है.


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2011 के आईपीएस अदित्य कुमार
आदित्य कुमार 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. आदित्य कुमार को आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई के बाद सस्पेंड किया गया है. कुमार कई तरह के आरोपों से घिरे हुए हैं.


आईपीएस अधिकारियों पर होगी विभागीय कार्रवाई
निलंबन के दौरान दोनों आईपीएस अधिकारियों का हेडक्वार्टर आईजी केंद्रीय क्षेत्र का कार्यालय होगा. इस दौरान अफसरों को केवल जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा.रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों अधिकारियों से जल्द ही स्पष्टीकरण मांगते हुए विभागीय कार्रवाई भी शुरू की जाएगी.


आदित्य कुमार पर क्या आरोप
जानकारी के अनुसार, आदित्य कुमार पर गया में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद रहने के दौरान शराब माफियों को संरक्षण देने का आरोप है. इस मामले की जांच के दौरान मगध रेंज के आईजी आदित्य लोढ़ा ने कुमार पर लगे आरोपों को सही पाया था, जिसके बाद गया के फतेहपुर थाने में उन पर (आदित्य कुमार) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. 


दोस्त को बनाया फर्जी चीफ जस्टिस
इसके अलावा आदित्य कुमार पर आरोप है कि उनके दोस्त अभिषेक अग्रवाल ने पटना हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बनकर, बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को फोन कर कुमार के खिलाफ सारे मामलों की जांच बंद करने को कहा था. बाद में अभिषेक अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया.


दयाशंकर आय से अधिक से संपत्ति मामले में फंसे
वहीं, पूर्णिया के एसपी दयाशंकर पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज है. दयाशंकर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन पर गलत तरीके से पैसा वसूली करने का आरोप हैं. विशेष निगरानी इकाई ने 11 अक्टूबर एसपी दयाशंकर के साथ सदर थानाध्यक्ष संजय सिंह, एसपी के रीडर नीरज कुमार सिंह व सिपाही सावन कुमार के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान करीब 72 लाख रुपये की संपत्ति मिली थी. इस मामले में पूर्णिया के सदर थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मी पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं.


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