Patna: कोरोना (Corona) के घटते मामलों के बीच बिहार में ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिया है. वहीं, शुक्रवार को 19 नए ब्लैक फंगस के मरीज मिले हैं. इनमें से 9 को आइजीआईएमएस (IGIMS) में, 5 एम्स (AIMS) में और 5 पीएमसीएच (PMCH) में भर्ती करवाया गया है. जानकारी के मुताबित, ब्लैक फंगस संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण आइजीआईएमएस के 100 बेड और एम्स के 75 बेड का फंगस वार्ड अब मरीजों से पूरी तरह से भर गए है.


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पटना एम्स में फिलहाल ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए साधारण बेड फुल हो चुके हैं. कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के लिए ब्लैक फंगस के वार्ड अभी भी खाली है. लेकिन यहां ब्लैक फंगस के कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के लिए, तो एम्स में मौजूद 50 के 50 पूरी तरह से फुल बताए जा रहे हैं . 


वहीं, पटना एम्स के ब्लैक फंगस के नोडल पदाधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि 'ब्लैक फंगस पहले भी था. लेकिन अभी विकराल रूप लिए हुए हैं. इस दौरान कुछ दवाएं मिलने में परेशानी हो रही हैं. लेकिन मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से किया जा रहा है. कई मरीज का ऑपरेशन करना ही उपाय है, यही वजह है कि ब्लैक फंगस खतरनाक है.' इस मामले में पटना एम्स के ब्लैक फंगस के डॉ प्रशांत कुमार सिंह ने बताया 'हमारे वातावरण में यह फंगस रहता और इम्युनिटी पावर कम होने पर यह असर करने लगता है.'


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बता दें कि ब्लैक फंगस के मरीज आईजीआईएमएस में 10 संदिग्ध को लेकर कुल 107 संक्रमित है. वहीं, एम्स में 98 संक्रमित भर्ती हैं. साथ ही, ब्लैक फंगस के 23  मरीज कोरोना से भी संक्रमित हैं इसलिए उन्हें कोविड वार्ड में भी रखा गया है. 


मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने बताया कि 'कोरोना महामारी के साथ ही उससे उत्पन्न होने वाला ब्लैक फंगस से बचाव का हर प्रयास किया जा रहा है.' उन्होंने यह भी कहा कि 'कोरोना को कंट्रोल करने के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट एवं ट्रैकिंग के तहत एक्शन प्लान पर लगातार काम चल रहा है.'