पटनाः जदयू ने 2024 के लिया अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है. पार्टी कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों को एक करेगी, इस मुहिम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद लगे हैं, जो दिल्ली दौरे के साथ देश के विभिन्न राज्यों का दौरा करेंगे. इसका उद्देश्य भाजपा को केंद्र की सत्ता से बेदखल करना होगा. ये फैसला जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हुआ है.


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देश भर का दौरा करेंगे नीतीश कुमार
जदयू में तीन दिनों तक चली बैठकों का सार ये रहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब देशभर का दौरा करेंगे. इस दौरान केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ हवा बनाएंगे और विपक्षी दलों को एकजुट करेंगे. जदयू की प्रदेश कार्यकारिणी और फिर राष्ट्रीय कार्यकारिणी से पास प्रस्तावों को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में रखा गया. जिसमें भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के कारणों को गिनाया गया. साथ ही आरसीपी सिंह को बिहार का एकनाथ शिंदे बनाने की मुहिम का खुलास किया गया है


मुख्यमंत्री के शब्द हमारे लिए गाइड लाइन
जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जदयू ने बिहार में सात दलों की महागठबंधन सरकार का स्वागत किया है. साथ ही कहा कि हमारे नेता साफ नीतीश कुमार जो बोलते हैं, वहीं हमारे लिए गाइड लाइन है. उसी पर जदयू का हर कार्यकर्ता काम करेगा. भाजपा अभी देश में नफरत की राजनीति की जा रही है. मुनाफा देनेवाली बड़ी सरकारी कंपनियों को औने पौने दाम पर निजी हाथों में दिया जा रहा है. संघीय ढांचे पर हमला हो रहा है. साथ ही केसी त्यागी ने साफ कहा की एनडीए के साथ रहते जदयू की बात को नहीं सुना जा रहा था, हमने जातीय जनगणना की मांग की केंद्र ने नहीं माना है. विशेष राज्य का दर्जा भी नहीं दिया. हम बिहार, बंगाल और उड़ीसा जैसे राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने के पक्ष में है.


दिल्ली दौरे में चार दलों के नेताओं से मिलेंगे नीतीश कुमार
बता दें कि दिल्ली दौरे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार दलों के छह नेताओं से मिलेंगे. जिनसे आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. हालांकि पूरे देश के विपक्षी नेताओं के फोन नीतीश कुमार के पास आ रहे हैं जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे भी शामिल हैं.


सभी को साथ लेकर चलने की रणनीति 
जदयू की रणनीति कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों को साथ लाने की है, ताकि भाजपा का मुकाबला कर सके, लेकिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर भाजपा और कांग्रेस दोनों के खिलाफ हैं. जदयू कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को एक साथ करने की बात कह रही है, लेकिन विपक्षी एकता होती है, तो इसका नेतृव कौन करेगा. इसके सवाल पर मौन है.


इनपुट-  शैलेंद्र


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