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Patna: ज़हरीली शराब से मौत के मामले में बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. पुलिस अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है.
सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने जारी किया बयान
जिला मुख्यालय छपरा में मीडिया से बात करते हुए सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा, 'हमने पिछले 48 घंटे में जिले भर में सघन छापेमारी की है और 126 व्यक्तियों को पकड़ा है.चार हजार लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त भी की गई है.'
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने यह बताने से इनकार कर दिया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में क्या वे लोग शामिल हैं जो ताजा जहरीली शराब के मामले में सीधे तौर पर शामिल हैं.उन्होंने कहा कि "मामले की जांच अभी भी चल रही है और इस स्तर पर ज्यादा खुलासा करने से मामले की जांच में बाधा आ सकती है.'
उन्होंने कहा, 'कुछ दोष संबंधित अधिकारियों पर भी है और इसलिए मशरक पुलिस थाने के प्रभारी और स्थानीय चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.' उन्होंने कहा, "मढ़ौरा के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी के स्थानांतरण की सिफारिश प्राधिकारियों से की गई है और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है." जिलाधिकारी ने कहा, 'त्वरित जांच के लिए, एक अतिरिक्त एसपी की अध्यक्षता में 31 पुलिस अधिकारियों और तीन डिप्टी एसपी वाली एक एसआईटी भी गठित की गई है.'
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने लोगों से अपील की कि वे बिना किसी प्रतिशोध के डर के किसी भी प्रासंगिक जानकारी के साथ आगे आएं.बता दें कि CM नीतीश कुमार ने अप्रैल, 2016 में बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था.