पटना: बिहार में शिक्षा विभाग ने करीब 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा (Sakshamta Pariksha) का आयोजन किया है. इस परीक्षा का आयोजन सोमवार (26 फरवरी) से शुरू हुआ है और छह मार्च तक चलेगा. कुल मिलाकर 2,32,190 नियोजित शिक्षकों ने इसमें भाग लिया है. पहले दिन ही, सवालों ने कई शिक्षकों को चौंका दिया, क्योंकि कुछ ने बीपीएससी (BPSC) लेवल के सवालों की बात कही है.


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शिक्षकों ने परीक्षा में पूछे गए प्रश्न को बताया कठिन
सक्षमता परीक्षा की पहली पाली 10 बजे से शुरू होकर 12:30 बजे तक चली. इसके बाद परीक्षा देने वाले शिक्षकों में से कई ने सरकार की दावा को गलत बताया. परीक्षा को मामूली नहीं, बल्कि कठिन बताया. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में बीपीएससी लेवल के सवाल पूछे गए थे जिन्हें सुलझाना कठिन था. पहली पाली की परीक्षा के बाद सेंटर से बाहर निकले पांच शिक्षकों से बातचीत की गई. इनमें से दो ने कहा कि परीक्षा ठीक थी और मिलाजुला प्रश्न थे. तीन ने कहा कि परीक्षा हार्ड थी और प्रश्न कठिन थे. एक ने कहा कि यह मामूली परीक्षा नहीं थी, बल्कि प्रश्न कठिन थे और उन्हें सुलझाना मुश्किल था.


प्रथम दिन को 9 जिलों में हुई परीक्षा
इसके अलावा बता दें कि इसे लेकर एग्जाम के सिलेबस के बाहर गई बातों के बारे में एक शिक्षक ने कहा कि यह परीक्षा कुछ नया और अनोखा था जिसने उन्हें चुनौती दी. शिक्षकों के अनुसार बता दें कि दूसरी पाली की परीक्षा का समय शाम 3 बजे से 5:30 बजे तक रखा गया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इस सक्षमता परीक्षा का आयोजन किया है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को राज्यकर्मी के दर्जे के लिए योग्य बनाना है. इसमें ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से विभिन्न जिलों में कंप्यूटर सेंटर्स पर सम्पन्न की जा रही है. प्रथम दिन को 9 जिलों में 52 कंप्यूटर सेंटर्स पर ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई है और इसके बाद भी इसे विभिन्न जगहों पर आयोजित किया जाएगा.


इनपुट- जी बिहार झारखंड ब्यूरो


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