सूखाग्रस्त घोषित होगा बिहार, कृषि मंत्री का ऐलान किसानों को दिया जाएगा मुआवजा
सुधाकर सिंह ने कहा कि मैंने इतिहास के उस दौर में मंत्री पद की शपथ ली है जब सैकड़ों साल में एक बार अकाल आता है. उस भयानक अकाल में हम कार्यभार बीच दौर में संभाले हैं. कैसे बिहार के किसानों को जिन्होंने खेती में पूंजी लगाया है वह वापस आ जाए, हम उस चुनौती को स्वीकार करते हैं और जहां परती खेत है, पानी के अभाव में खेती नहीं हुई है. वहां किसानों तक राहत पहुंचाने का काम करेंगे.
पटना : बिहार में मानसून में हुई कम बारिश की वजह से सुखाड़ की स्थिति पैदा हो गई है. ऐसे में आज प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के सूखा प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया. नीतीश कुमार बिहार के 5 जिलों में सूखे की स्थिति का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वेक्षण करने के लिए निकले थे.
किसानों को दिया जाएगा मुआवजा
वहीं दूसरी तरफ बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही शपथ लेने के बाद पहली बार कैमूर पहुंचे बिहार सरकार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने किसानों के लिए बहुत बड़ा ऐलान किया है. जहां बिहार को सूखाग्रस्त घोषित करने और जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है उन्हें एक मुस्त मुआवजा देने और जिन की खेती हुई है और पानी के अभाव में फसलें मर रही हैं उनके क्षतिपूर्ति का मुआवजा देने की बात कही है.
किसानों को राहत पहुंचाने का काम हमारी सरकार करेगी
सुधाकर सिंह ने कहा कि मैंने इतिहास के उस दौर में मंत्री पद की शपथ ली है जब सैकड़ों साल में एक बार अकाल आता है. उस भयानक अकाल में हम कार्यभार बीच दौर में संभाले हैं. कैसे बिहार के किसानों को जिन्होंने खेती में पूंजी लगाया है वह वापस आ जाए, हम उस चुनौती को स्वीकार करते हैं और जहां परती खेत है, पानी के अभाव में खेती नहीं हुई है. वहां किसानों तक राहत पहुंचाने का काम करेंगे.
जिस दिन किसानों के हक में फैसला नहीं ले पाया कुर्सी पर नहीं रहूंगा- सुधाकर सिंह
उन्होंने कहा कि यह संपूर्ण मानवता के लिए संकट है. इंसानों के साथ जीव जंतु सबके लिए संकट की स्थिति है. पीने के लिए पानी, पशुओं के लिए चारा के लिए घोर अभाव होने जा रहा है, हमारी खेती को भी बचाना है. इन सारी स्थिति को फॉलो करते हुए हमें आगे बढ़ना है. यह सूखाग्रस्त घोषित होगा और हम किसानों को दो स्तर में राहत देने जा रहे हैं. जिनकी खेती नहीं हुई है उनको एक मुस्त हम पैसा देने जा रहे हैं और जो खेती कर चुके हैं और उनका जो नुकसान हुआ है उसका हम भरपाई करेंगे. दोनों स्तर पर हम काम करेंगे और तीसरा काम होगा कि अगले फसल के लिए बीज से लेकर खाद तक अलग से मुहैया कराएंगे. अकाल की स्थिति को देखते हुए देश और राज्य स्तर पर हम वैज्ञानिकों को बुलाएंगे कि हम लोगों को सही सलाह देंगे कि आगे क्या करना चाहिए. इस अकाल की स्थिति को देखते हुए सभी वैज्ञानिकों को इसी सप्ताह तुरंत बुलाया जाएगा. मैं किसान हूं, किसान का बेटा हूं जो इस कुर्सी तक पहुंचा है. स्वभाविक है कि किसानों के पक्ष में फैसला लूंगा. जिस दिन लगेगा कि मैं किसानों के हक में फैसला लेने में असमर्थ हूं उस दिन इस कुर्सी पर नहीं रहूंगा.
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