Patna: बिहार में जातीय जनगणना पर सियासी संग्राम जारी है. इसे लेकर दलों के अंदर सियासी राग थमता नजर नहीं आ रहा है. बीजेपी (BJP) के अंदर भी इस मसले पर दो सुर हैं. दरअसल, बीजेपी के अंदर पिछड़े नेता जातीय जनगणना के समर्थन में हैं तो सवर्ण नेता इसके विरोध में उतरे हुए हैं. यही वजह है कि इस मांग को लेकर बीजेपी के अंदर दो फाड़ है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यहां पार्टी का एक धरा ये कहता है कि जातीय जनगणना के स्थान पर आर्थिक रूप से पिछड़े गरीबों की गणना होनी चाहिए, तो दूसरी तरफ ये तर्क दिया जा रहा है कि जातीय जनगणना होने से सही मायने में विकास को लेकर निर्णय लेने में मदद मिलेगी. 


जारी है सियासी बयानबाजी
इधर, मामले को लेकर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) पहले से मांग करते आ रहे हैं. इसी क्रम में मांझी ने गुरुवार को जातीय जनगणना का विरोध करने वालों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा, 'संविधान में समाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रवधान है, ना कि आर्थिक तौर पर पिछड़ों के लिए. नाम में टाइटल लगा अपनी जाति बताने वालों, आपको जातिगत जनगणना से डर क्यों है?'


ये भी पढ़ें- C P Thakur के बयान पर बोले नीतीश कुमार-कोई क्या बोलता है उससे हमें कोई मतलब नहीं


RJD-कांग्रेस ने BJP को घेरा
वहीं, मुद्दे पर RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने सरकार को घेरते हुए कहा, 'जातिगत जनगणना पर बीजेपी दो हिस्सों में बट गई है. सीपी ठाकुर की बात पार्टी के लोगों को कंफ्यूज कर रही है. 15 साल से BJP-JDU की सरकार चल रही है. इन दोनों को ही अशिक्षा और बेरोजगारी पर खुद सोचना चाहिए.' 


उधर, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने भी जातीय जनगणना पर सीपी ठाकुर और BJP पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'सीपी ठाकुर के बयान से साफ है कि बीजेपी जातिगत जनगणना के पक्ष में नहीं है. बीजेपी लोगों को बेवकूफ बना रही है. अब तो बीजेपी के नेता भी नीतीश कुमार पर सवाल खड़े कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि सीपी ठाकुर के बयान से साफ है कि NDA के शासन में दलितों और पिछडो कि तरक्की नहीं हुई है.


(इनपुट- आशुतोष)