पटना:Black Rice: भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में चावल की मांग बहुत अधिक मात्रा में खाई जाती है. जिसके चलते कई देशों में मुख्य रूप से चावल की खेती की जाती है. चावल की उपज और इससे हाने वाले स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए इसकी कई किस्में तैयार की जाती हैं. जो इंसान के सेहत से लेकर खेती तक के लिए फायदेमंद होता है. इन दिनों बाजार में काले नमक वाले चावल की मांग बढ़ते जा रही है. काले नमक वाले चावल की खासियत को देखने के बाद हमारे देश के किसान भी अब इसकी खेती करने लगे हैं. वहीं मार्केट में भी अब इसकी डिमांड बढ़ रही है. ऐसे में आइये इसके विशेषता के बारे में जानते हैं.


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एक रिसर्च में पाया गया कि कॉफी और चाय की तुलना में काला नमक (Black Rice) चावल में अधिक एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियों में इसका इस्तेमाल फायदेमंद होता है. इसके संवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. काला चावल में सफेद और भूरे चावल की तुलना में आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ई, विटामिन बी, कैल्शियम और जिंक ज्यादा पाया जाता है.


आजकल तेजी से हो रहे रासायनिक खेती की वजह से मिट्टी की उर्वरक क्षमता में लगातार कमी देखने को मिल रही है. जिसके चलते सरकार और किसान दोनों ही अब जैविक खेती की ओर अपना रूख कर रहे हैं. काला नमक (Black Rice) चावल की खासियत ये है कि धान के इस विशेष किस्म को बिना खाद और कीटनाशकों की मदद से उगाया जाता है और जैविक खेती के लिए यह पूरी तरह उपयुक्त प्राचीन किस्म है. जैविक खेती होने की वजह से इसकी खेती में खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं होता है जिसके चलते किसानों की जेब का बोझ भी कम हो पड़ता है. इसकी एक विशेषता यह है कि इसमें तना सड़न या भूरा धब्बा रोग होने जैसी कोई शिकायत नहीं होती है.


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