QR कोड वाली मुहिम पर साजिश वाले सवाल क्यों उठ रहे हैं.. उसकी इनसाइड स्टोरी समझना जरूरी है. वक्फ बिल के समर्थन और विरोध में क्यूआर कोड वाली मुहिम छेड़ी गई थी.. मुस्लिम और हिंदू संगठनों ने इसके लिए क्यूआर कोड जारी किया था.
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वक्फ संशोधन बिल पर रार जारी है. वक्फ की मनमानियों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार जो बिल लेकर आई है.. उसे लेकर घमासान मचा है.. बिल में बदलावों के लिए उसे जेपीसी में भेजा गया है.. जिसपर आम लोगों की राय भी मांगी गई थी. बिल पर फीडबैक भेजने के लिए मानो एक मुहिम सी छेड़ दी गई थी.. मुस्लिम संगठनों ने इसके लिए एक क्यूआर कोड भी जारी किया था.. धर्मगुरुओं ने QR कोड स्कैन कर के मेल भेजने का आव्हान किया था.. मोहल्लों में मुनादी की गई थी.. ईदगाहों से ऐलान किया गया था.
इसी बीच हिंदू संगठनों ने भी QR वाली मुहिम चलाई थी.. नतीजा ये हुआ की करीब सवा करोड़ मेल JPC के पास पहुंचे.. लेकिन अब इसपर जेपीसी के ही सदस्य निषिकांत दुबे ने सवाल उठाया है...
निषिकांत दुबे ने कहा है कि
-फीडबैक AI के जरिए भेजे जाने की संभावना है
-अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर फीडबैक वाली मुहिम चलाने की साजिश हो सकती है
-माहौल खराब करने की इंटरनेशनल साजिश का भी शक जताया है..
QR कोड वाली मुहिम पर साजिश वाले सवाल क्यों उठ रहे हैं.. उसकी इनसाइड स्टोरी समझना जरूरी है. वक्फ बिल के समर्थन और विरोध में क्यूआर कोड वाली मुहिम छेड़ी गई थी.. मुस्लिम और हिंदू संगठनों ने इसके लिए क्यूआर कोड जारी किया था. हिंदू संगठनों ने मोहल्लों में क्यूआर कोड वितरण किया था.. चौक चौराहों पर समर्थन जुटाया था. वहीं बिल के विरोध में ईदगाहों से ऐलान के साथ साथ इंटरनेशनल भाईजान भी मुहिम में शामिल हो गए थे.
इतना ही नहीं बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की तरह भोगड़ा जाकिर नाइक भी मुस्लिम संगठनों की इस मुहिम से जुड़ गया. जाकिर नाइक ने बिल के विरोध में क्यूआर कोड भी जारी कर दिया था. हिंदू और मुस्लिम क्यूआर कोड के बैटल.. धर्मगुरुओं की मुहिम.. और इंटरनेशनल सपोर्ट का ये नतीजा हुआ की JPC के पास 1 करोड़ 25 लाख से ज्यादा ईमेल आए..
खबर है कि जेपीसी चीफ को लिखे पत्र में निषिकांत दुबे ने ये जिक्र किया है कि ज्यादातर मेल की भाषा एक जैसी है.. ऐसे में क्या इसमें कोई इंटरनेशनल साजिश है. निषिकांत दुबे ने जो लेटर लिखा है उसमें ये भी जिक्र है कि जाकिर नाइक जैसे इस्लामिक कट्टरपंथियों ने विदेश में बैठकर हिंदुस्तान के युवाओं के बीच भ्रम फैलाया.. देश के बाहर से कितनी बड़ी मुहिम चलाई गई थी.
इतना ही नहीं.. जेपीसी को भेजे गए करोड़ों फीडबैक्स को देखते हुए आईएसआई, चीन और कट्टरपंथी संगठनों के शामिल होने की भी संभावना जताई जा रही है. वक्फ बिल पर मुस्लिम नेताओं और संगठनों की खीज साफ साफ दिखी.. बिल की मुखालफत में न जाने कितने नरेटिव सेट किए गए.. लेकिन विदेश में बैठकर बिल के खिलाफ माहौल खड़ा करने की साजिश की संभावना वाकई चिंताजनक है.. ऐसे में सवाल तो ये भी उठता है कि क्या ये मेल विदेश से भेजे गए थे.. और अगर भेजे गए थे तो क्या इसकी जांच हो संभव है..
वक्फ बिल के पेश होने के बाद से ही देशभर में मुसलमानों को इसके खिलाफ भड़काया जा रहा है.. बिल की आड़ में भ्रम फैलाने की बात भी सामने आई है.. ऐसे में क्या इन सब के बीच क्या मुसलमानों को लामबंद किया जा रहा है.. क्या मुसलमानों को लामबंद कर के किसी बड़े मास मूवमेंट की तैयारी है.. और क्या इसमें आईएसआई.. चीन और बाकी देशविरोधी ताकतों का हाथ है..
ब्यूरो रिपोर्ट.. जी मीडिया