पटनाः  Chitragupta Puja:सनातन परंपरा में दीपावली के आखिरी दिन चित्रगुप्त पूजा भी की जाती है. चित्रगुप्त महाराज यमराज-धर्मराज जी के लेखाकार-मुंशी हैं, जो कि सभी प्राणियों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाले माने जाते हैं. हर साल भाई दूज के दिन ही चित्रगुप्त पूजा मनाई जाती है. इस दिन को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है. इस बार चित्रगुप्त पूजा 26 अक्टूबर मनाई जा रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा शुक्ल पक्ष द्वितीया के दिन की जा रही है. पूजा से पहले श्रद्धालु भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति की सफाई करते हैं और फिर उन्हें शुद्ध जल, गंगा जल और गुलाब जल से स्नान कराए. इसके बाद प्रतिमा को स्थापित करें. फिर देवता के सामने घी का दीया जलाएं और फिर दही, दूध, शहद, चीनी और घी का उपयोग करके पंचामृत तैयार करें. 


ये है चित्रगुप्त पूजा विधि
इस पंचामृत को प्रतिमा को समर्पित करें. उसके बाद प्रसाद के रूप में मिठाई और फल का भोग लगाएं.पूजा विधि में सिंदूर, अबीर, हल्दी और चंदन के पेस्ट के मिश्रण से जमीन पर स्वास्तिक चिन्ह बनाना बेहद जरूरी है. स्वास्तिक पर चावल रखें और उसके ऊपर आधा पानी भरा कलश रख लें. अब गुड़ और अदरक को मिलाकर गुराड़ी बना लें. इन सभी को धूप-दीप नैवेद्य के साथ भगवान को अर्पित करें. फिर चित्रगुप्त कथा का पाठ करें, कथा के बाद आरती करें, फिर मूर्ति पर फूल और चावल छिड़के. अब जल चढ़ाएं और प्रसाद बांटें.