Planetary Transit 2024: ग्रह गोचर: ज्योतिष शास्त्री प्रमोद शुक्ला के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य का शनि के साथ षडाष्टक योग बना हुआ है. उधर, देवगुरु बृहस्पति और दैत्य गुरु शुक्र भी आपस में यही षडाष्टक योग बनाकर बैठे हैं. 


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सूर्य और बुध एक दूसरे के घर में घुसकर रणनीति बना रहे हैं. जबकि सेनापति मंगल बुध के घर में बैठकर राजा सूर्य पर अपनी पूर्ण चतुर्थ दृष्टि जमाए हुए हैं. बुध पर शनि की संपूर्ण सप्तम कुदृष्टि मजबूती से पहुंच रही है, जबकि देवगुरु बृहस्पति की संपूर्ण पांचवीं शुभ दृष्टि राजा सूर्य पर है.


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तमाम ग्रह शत्रु या मित्र पर पूरी ताकत से दृष्टि जमाए हुए हैं. थोड़ी राहत की बात यह है कि देवगुरु बृहस्पति ने दैत्य गुरु शुक्राचार्य के घर अर्थात वृष राशि में मजबूती से पैर जमा लिया है. इसके स्पष्ट प्रभाव देखने को मिलेंगे.


शनि की कुदृष्टि गुरु बृहस्पति या सूर्य पर भी अभी विशेष नहीं पहुंच पा रही है, यही राहत की बात है. इसलिए टकराव कितना भी भीषण हो जाए, परंतु देवगुरु बृहस्पति और मंगल का पलड़ा अंत में भारी साबित होगा.


वह बात अलग है कि सूर्य से सटा हुआ केतु बहुत ही विनाशकारी होने जा रहा है, सूर्य से सातवें घर में बैठा हुआ राहु भी अपनी पूरी दुर्बुद्धि लगाकर सूर्य को प्रभावित कर रहा है. 


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यह राहु भले ही गुरु की राशि मीन में घुसकर अपना दुष्प्रभाव गुरु पर डालने का कितना भी प्रयास करें, परंतु मुझे उम्मीद है कि गुरु बृहस्पति के फैसले मानवता के हित में ही रहेंगे. खतरा बहुत ही बड़ा है. अंतरराष्ट्रीय हालात बहुत ही भयावह मोड़ पर पहुंच चुके हैं.


इनपुट -  शास्त्री प्रमोद शुक्ला


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