लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) विपक्षी एकता की कोशिशों में लगे हुए हैं और कई राज्यों के नेताओं से मिल रहे हैं. नीतीश कुमार ऐसा कांग्रेस नेतृत्व के कहने पर ही कर रहे हैं. अब कांग्रेस ने ही उनकी कोशिशों को बड़ा झटका दिया है. कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाइयों ने आलाकमान को स्पष्ट बता दिया है कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Karjriwal) की पार्टी आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) से न तो किसी तरह का समझौता 2024 में किया जाना चाहिए और न ही दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध किया जाना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने दोनों प्रदेशों के नेताओं से मुलाकात की, जिसमें राज्यस्तर के बड़े नेताओं ने अपनी राय रखी. अब देखना यह है कि कांग्रेस आलाकमान विपक्षी एकता को तरजीह देते हुए अरविंद केजरीवाल से पींगें बढ़ाता है या फिर अपने प्रदेश स्तर के नेताओं के सुझाव पर चलता है. 


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कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने पार्टी नेतृत्व को बता दिया है कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के साथ किसी गठबंधन के पक्ष में नहीं है और पार्टी को भी अध्यादेश के मुद्दे पर उसका समर्थन नहीं करना चाहिए. 
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी के साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें पार्टी प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, अजय माकन, अरविंदर लवली, हारून यूसुफ, चौधरी अनिल कुमार और अन्य शामिल थे.


बैठक के दौरान, पार्टी नेतृत्व को बताया गया कि आप के साथ कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए, जबकि माकन ने कहा कि पार्टी को अध्यादेश पर अपना समर्थन नहीं देना चाहिए. दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने आप के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात का फैसला पार्टी नेतृत्व पर छोड़ दिया है. 


यह बैठक अध्यादेश के मुद्दे पर खड़गे और राहुल गांधी के साथ आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल के अनुरोध के मद्देनजर हुई थी. केजरीवाल ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा था, भाजपा सरकार द्वारा पारित अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन लेने और संघीय ढांचे पर हमले पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी और राहुल गांधी जी से मिलने का समय मांगा है. 


इसके बाद कांग्रेस सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी अभी भी उनके अनुरोध पर विचार कर रही है. उधर, दिल्ली के साथ-साथ पंजाब कांग्रेस के भी कई नेताओं ने इस मुद्दे पर केजरीवाल का समर्थन करने का विरोध किया है. अजय माकन, संदीप दीक्षित और सुखजिंदर सिंह रंधावा जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने पहले ही कहा था कि पार्टी को आप का समर्थन नहीं करना चाहिए. 


दिल्ली के पार्टी नेताओं की बैठक के बाद खड़गे ने पंजाब के नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें पार्टी के नेता प्रताप सिंह बाजवा, नवजोत सिंह सिद्धू, राजा वारिंग, मनीष तिवारी, हरीश चौधरी, आशु और अन्य ने हिस्सा लिया.