पटनाः Death Sign:महाभारत में युद्धिष्ठिर से यक्षराज पूछते हैं कि सत्य क्या है. युद्धिष्ठिर जवाब देते हैं कि सबसे अटल सत्य मृत्यु है. असल में जीवन का नियम है कि जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु तो तय है. हालांकि वैज्ञानिक अभी तक इस पर शोध कर रहे हैं कि क्या किसी की मृत्यु अचानक हो जाती है या फिर मरने की भी एक प्रक्रिया है. उन्हें इस जवाब की भी तलाश है कि अगर मृत्यु का होना एक प्रक्रिया है तो इसकी शुरुआत कब से होने लगती है. 
विज्ञान भले ही इसका जवाब तलाश रहा है, लेकिन आध्यात्म के पास इस रहस्य को समझाने के लिए अपनी एक परिभाषा है. मौत एक ऐसा शब्द है जिससे हर व्यक्ति डरता है लेकिन हर किसी को यह जानने की इच्छा होती है कि उसकी मृत्यु कब और कैसे होगी. शिव पुराण कहता है कि मृत्यु से पहले किसी भी व्यक्ति को इस तरह के संकेत मिलने लगते हैं कि उसकी मौत कब होनी वाली है. ये संकेत 6 महीने से मिलने शुरू हो सकते हैं और मृत्यु से ठीक एक दिन पहले तक काफी स्पष्ट हो जाते हैं. जानिए कौन-कौन से हैं वो संकेत जो मृत्यु की तरफ इशारा करते हैं. 


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बदल जाता है शरीर का रंग
किसी भी व्यक्ति के शरीर का रंग यदि एकदम से सफेद या नीला पड़ जाए ऐसे व्यक्ति की मौत बहुत जल्द ही हो सकती है या ऐसा होना इस बात का संकेत हो सकता है कि ऐसा व्यक्त 6 माह के भीतर भी मर सकता है. साथ ही अपने ही शरीर से अपनी ही परछाई का अलग नजर आना मौत का संकेत माना जाता है. कहते हैं कि परछाई हमेशा साथ चलती है लेकिन मौत आने के समय परछाई भी साथ छोड़ देती है.


नीली मक्खियां देती हैं मौत का संकेत
शिवपुराण के अनुसार अगर किसी इंसान को रंग पहचानने में दिक्कत हो जाए या अचानक उसे सब कुछ काला नजर आने लगे तो उसे समझ जाना चाहे कि उसकी मृत्यु निकट ही है. किसी भी व्यक्ति के बायें हाथ में करीब एक हफ्ते तक लगातार फड़कन बनी रहे तो समझिए उस व्यक्ति के दिन लद चुके हैं यानि उसकी मौत एक माह के दौरान हो सकती है. नीली मक्खियां किसी व्यक्ति को अचानक आकर घेर लें तो समझना चाहिए कि इसकी मौत निकट ही है. वहीं मौत का संकेत देने वाली मक्खियों का रंग नीला होता है. 


तीन दोष एक साथ होना 
जब मानव शरीर में तीन दोष एक साथ एक ही समय आ जाते हैं तो मानव शरीर त्यागने का वक्त आ चुका है ऐसा माना जाता है. लेकिन ये तीन दोष हैं क्या आप जानते हैं, अगर नहीं तो आपको बता दें कि ये तीन दोष जो मानव शऱीर में होते हैं उन्हें कफ, पित्त और वात कहा जाता है. पानी, तेल, घी, सीसे आदि में अपनी परछाई ना देख पाने वाला व्यक्ति मुश्किल से 6 माह तक जीवित रह पाता है. जिसे दिशाएं घूमती हूई दिखाई दें उसकी मौत भी जल्द होने की संभावनाएं नजर आती हैं.


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