पटनाः Dhanteras 2022, dhanteras kitni tarikh ko hai: इस बार दीपावली के त्योहार पर सूर्यग्रहण का साया है. ऐसे में धनतेरस कब मनाया जाए, इसे लेकर लोगों में तारीख का कन्फ्यूजन है. धनतेरस का त्योहार दीपावली के दो दिन पहले मनाया जाता है, लेकिन ग्रहण होने के कारण धनतेरस के अगले ही दिन दीपावली है. जानिए क्या है धनतेरस की सही तारीख. दिवाली की शुरुआत का सबसे पहला त्योहार होता है धनतेरस. पौराणिक मान्यताओं के तहत इस दिन धन्वंतरि देव का सागर से आविर्भाव हुआ था. इसलिए यह आरोग्य का पर्व है. दूसरी ओर इसी दिन धन की देवी लक्ष्मी का आगमन धरती पर होता है, इसलिए यह धन-धान्य का भी त्योहार है. धनतेरस कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल दिवाली पर सूर्यग्रहण की छाया है और ऐसे में त्योहार की तिथियों को लेकर कन्फ्यूजन है.


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सोशल मीडिया पर यह सवाल कि ''इस साल धनतेरस कब है?'' काफी वायरल हो रहा है. इस बार त्रयोदशी तिथि के प्रारंभ और समापन के समय के कारण असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है. इस साल कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है. वहीं त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 03 मिनट पर होगी. वहीं यमदीप 22 अक्टूबर को जलाना शुभ होगा. ज्योतिषियों के मुताबिक, उदया तिथि की मान्यता के अनुसार धनतेरस  23 अक्टूबर को मनाना ज्यादा उचित रहेगा. दरअसल 23 अक्टूबर को शाम तक प्रदोष काल है. ऐसे में लोग 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाएंगे. 


लोग करते हैं सोना-चांदी और अन्य वस्तुओं की खरीदारी (Dhanteras 2022)


धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन देवाताओं के वैद्य धन्वंतरी की जयंती मनाई जाती है और लोग शुभ मुहूर्त में सोना, चांदी या अन्य वस्तुओं की खरीदारी करते हैं, जो उनके लिए उन्नतिदायक सिद्ध होता है. धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी​ तिथि को मनाते हैं. जो लोग धनतेरस का व्रत रखते हैं. वह लोग 23 अक्टूबर को ही रखें.  क्योंकि 23 को शाम तक प्रदोष काल है. धनतेरस पूजा के लिए आपको करीब सवा घंटे का शुभ समय प्राप्त होगा. इस दिन शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और परिवार की उन्नति होती है.


ये है शुभ तिथि और योग(Dhanteras kitni tarikh ko hai)


इस दिन यानी 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 45 मिनट से रात 8 बजकर 17 मिनट तक प्रदोष काल का मुहूर्त है. वृषभ काल शाम 7 बजकर 01 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर, 2022 को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 05 मिनट तक पूजा का मुहूर्त है. इस साल 23 तारीख को शनि देव मार्गी हो रहे हैं.  ऐसे में कई राशियों को लाभ मिलेगा. इसके अलावा धनतेरस के दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग बन रहा है.


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