Bihar: क्या लॉकडाउन ने बचाई CM नीतीश कुमार की लाज? बढ़ते अपराध पर विपक्ष ने उठाए कई सवाल
Bihar Samachar: इन आरोपों के पीछे की दलील पिछले साल की तुलना में बढ़े अपराधों की संख्या है.
Patna: बिहार के विपक्षी दलों का दावा है कि लॉकडाउन ने नीतीश कुमार की लाज बचा ली है. अगर लॉकडाउन नहीं होता तो अपराधी नीतीश कुमार की इज्जत को नीलाम कर देते. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने शुक्रवार को बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिती को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा की थी. साथ ही पुलिस ऑफिसरों को कई दिशा-निर्देश भी दिए. लेकिन विपक्ष को नीतीश कुमार की समीक्षा पर कोई भरोसा नहीं है क्योंकि इस साल के पहले तीन महीनों में बीते साल से ज्याद संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए हैं.
नीतीश कुमार की समीक्षा पर सवाल
लॉ एण्ड आर्डर कभी नीतीश सरकार की यूएसपी हुआ करती थी. लेकिन आज इसी लॉ एण्ड आर्डर को लेकर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर लगातार समीक्षा बैठक भी करते रहे हैं. लेकिन विपक्ष उनकी समीक्षा से संतुष्ट नहीं दिख रहा है.
दरअसल शुक्रवार को भी सीएम नीतीश कुमार ने लॉ एण्ड आर्डर को लेकर समीक्षा बैठक की. समीक्षा के दौरान कई दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए गए. लेकिन विपक्ष का आरोप है कि सीएम नीतीश पिछले 15 सालों से सिर्फ समीक्षा ही कर रहे है. लेकिन अपराधियों पर अंकुश अब तक नहीं लग सका है.
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वहीं, आरजेडी (RJD) नेता विजय प्रकाश (Vijay Prakash) ने कहा है कि 'नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक का नतीजा सिर्फ यही रहा है कि हत्या-बलात्कार की घटनाएं हर रोज हो रही हैं. साथ ही भूमि विवाद को कम करने को लेकर नीतीश कुमार लगातार निर्देश दे रहे हैं. लेकिन उसका असर क्या हो रहा है.'
अच्छे पुलिस अफसरों को संटिंग में रखने का आरोप
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा (Premchandra Mishra) ने कहा है कि 'नीतीश कुमार लॉ एण्ड आर्डर पर समीक्षा सिर्फ अखबारों में छपने और टेलीविजन पर दिखने के लिए करते हैं. जब तक अच्छे पदाधिकारियों की पोस्टिंग फिल्ड में नहीं की जाएगी तब तकनतीजे नहीं आएंगे.'
पिछले साल की तुलना में संज्ञेय अपराध में बढ़ोतरी
दरअसल इन आरोपों के पीछे की दलील पिछले साल की तुलना में बढ़े अपराधों की संख्या है. साल 2020 के पहले तीन महीनों में कुल संज्ञेय अपराध 62,659 हुए थे. लेकिन 2021 में पहले तीन महीने में 69,342 संज्ञेय अपराध हुए हैं.
बीजेपी (BJP) नेता नवल यादव (Naval Yadav) ने कहा है कि 'मुख्यमंत्री समीक्षा कर रहे हैं. सीएम हाउस से फिरौती या अपहरण नहीं करवा रहे जो पहले हुआ करते थे. विपक्ष अगर हमारे काम से नाखुश है तब इसका मतलब है कि काम अच्छा हो रहा है और विपक्ष नाखुश रहे वहीं बेहतर है.'
अपराध के आंकडे
बीजेपी नेता भले ही विपक्ष के आरोपों पर सियासी जवाब दे रहे हों लेकिन आंकडे कुछ और ही सच्चाई बयां कर रही हैं. साल 2021 के पहले तीन महीनों में 640 मर्डर हुए हैं. अकेले पटना में सबसे ज्यादा 40 मर्डर हुए हैं. साल के पहले तीन महीने में 72 डकैती के केस दर्ज हुए हैं. रॉबरी के 665 केस दर्ज हुए हैं. पहले तीन महीनों में चोरी के 96,55 केस दर्ज हुए हैं. वहीं, दंगे के 1,444 केस दर्ज हुए हैं. साथ ही किडनैपिंग के कुल 2,657 और रेप के 357 केस दर्ज हुए हैं.
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पहले लोग घरों से बाहर निकलने में डरते थे
जेडीयू (JDU) नेता पूर्व मंत्री नीरज कुमार (Neeraj Kumar) कहते हैं कि 'लॉ एण्ड आर्डर पर विपक्ष ज्ञान न दे तो बेहतर है. पहले लोग घर से निकलने में डरते थे. रास्ते में बगलामुखी जाप करते जाते थे. अब लोग बिना डरे घूम रहे है. विपक्ष के नेताओ को लॉ एंड ऑर्डर का असर देखना है तो अपने इलाके में जाकर देखें.'