शिक्षा विभाग कर रहा है सेंट्रलाइज्ड आवेदन लेने की दिशा में काम, अगस्त से शुरू होगी प्रक्रिया
STET 2019: इस बार व्यवस्था में तब्दीली की जा रही है. एसटीइटी अभ्यर्थी शिक्षा विभाग के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. वहीं सातवें दौर के नियोजन से होने वाली बहाली से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी भी दूर हो जाएगी.
पटनाः STET 2019: एसटीइटी 2019 के सफल अभ्यर्थियों का इंतजार अब खत्म होने वाला है. क्लास नौ से लेकर क्लास बारह तक के विद्यालयों में शिक्षकों के नियोजन के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया अगस्त में शुरू होने जा रही है. इससे पहले शिक्षा विभाग ने कैंडिडेट की सुविधा के लिए अहम फैसला लिया है. खुद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की है. बिहार में अब तक शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया केंद्रीयकृत यानि सेंट्रलाइज्ड नहीं होती थी. अभ्यर्थियों को आवेदन देने के लिए या तो खुद नियोजन इकाइयों में जाना होता था या फिर उन्हें डाक के जरिए आवेदन भेजना होता था.
अभ्यर्थियों ने किया फैसले का स्वागत
इस बार व्यवस्था में तब्दीली की जा रही है. एसटीइटी अभ्यर्थी शिक्षा विभाग के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. वहीं सातवें दौर के नियोजन से होने वाली बहाली से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी भी दूर हो जाएगी. दरअसल बिहार में अब तक छह दौर का शिक्षक नियोजन हो चुका है.लेकिन आवेदन देने की प्रक्रिया काफी लंबी और उबाऊ रही है. सेंट्रलाइज्ड आवेदन की सुविधा नहीं होने से अभ्यर्थियों को नियोजन इकाईयों का चक्कर लगाना होता था.लेकिन अब ये दिक्कत दूर हो जाएगी.
सेंट्रलाइज्ड आवेदन लेने की दिशा में काम कर रहा शिक्षा विभाग
शिक्षा विभाग सेंट्रलाइज्ड आवेदन लेने की दिशा में काम कर रहा है और जल्द ही इस पर अंतिम फैसला हो जाएगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के मुताबिक, विभाग की सोच ये है कि काउंसिलिंग भले ही नियोजन इकाई से हो लेकिन आवेदन लेने की प्रक्रिया सेंट्रलाइज्ड हो.दरअसल, जिस केंद्रीयकृत बहाली की हम बात कर रहे हैं वो क्या है इसे ऐसे समझते हैं.
बिहार में अब तक पांच दौर का शिक्षक नियोजन हो चुका है और अभी छठे दौर का नियोजन आखिरी चरण में है. अब तक अभ्यर्थियों को आवेदन देने के लिए एक जिले से दूसरे जिलों की नियोजन इकाई का चक्कर लगाना होता था.
जल्द लिया जाएगा आखिरी फैसला
दूसरे शब्दों में कहें तो अगर चंपारण का कोई अभ्यर्थी बांका की नियोजन इकाई के लिए फॉर्म अप्लाई करना चाहता है तो उसे चंपारण से 250 किलोमीटर की दूरी तय कर बांका जाना होता था. ये दिक्कत इसलिए होती थी क्योंकि अभ्यर्थियों के सामने सेंट्रलाइज्ड एप्लिकेशन की सुविधा नहीं थी. लिहाजा इससे अभ्यर्थियों को काफी परेशानी होती थी.इससे आवेदन लेने का समय लंबा खींचता था. अब सेंट्रलाइज्ड एप्लिकेशन की सुविधा से अभ्यर्थी अपनी सुविधा के अनुसार मोबाइल या डेक्सटॉप से भी किसी भी नियोजन इकाई के लिए आवेदन दे सकेंगे. विभाग सेंट्रलाइज्ड आवेदन की दिशा में काम कर रहा है और इस पर जल्द ही आखिरी फैसला लिया जाएगा.
नियोजन में आती रही है धांधली की शिकायत
सातवें दौर में शिक्षक नियोजन में क्लास नौ से लेकर क्लास बारह तक के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर की जाएगी. अपर मुख्य सचिव के मुताबिक,आवेदन लेने की प्रक्रिया सेंट्रलाइज्ड होगी.हालांकि कांउसिलिंग के लिए अभ्यर्थियों को नियोजन इकाई जाना होगा. बिहार में शिक्षक नियोजन के दौरान धांधली की शिकायतें आम रही हैं. कभी आवेदन लेने और देने की प्रक्रिया पर सवाल तो कभी कांउसिलिंग की कार्रवाई पर प्रश्न खड़े होते थे. लिहाजा इन्हीं परेशानियों से बचने के लिए ही विभाग ने इस बार केंद्रीयकृत आवेदन प्रक्रिया पर विचार कर रहा है.जल्द ही अभ्यर्थियों को इससे जुड़ी राहत वाली खबर मिल सकती है.
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