पटनाः Guru Purnima: गुरु पूर्णिमा का दिन अपने गुरुओं के प्रति सम्‍मान व्‍यक्‍त करने का दिन होता है. शिष्‍य गुरु की पूजा करते हैं, उन्‍हें भेंट देते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं. इस दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्‍यास की पूजा की जाती है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन महर्षि व्‍यास का जन्‍म हुआ था और उनकी जन्‍मतिथि के दिन ही गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने इष्‍ट देव को गुरु मानकर उनकी पूजा भी करते हैं.


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इस बार गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई 2022, बुधवार को पड़ रही है. गुरु पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को सुबह 4 बजे प्रारंभ होगी और 14 जुलाई को रात 12 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी. यहां कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया है, जिन्हें गुरु के सामने नहीं करना चाहिए. इन कामों को करने से गुरु का अपमान होता है.


भूलकर भी ना करें ये गलतियां 


- गुरु पूर्णिमा के पावन दिन किसी स्त्री या बुजुर्ग व्यक्ति का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इससे गुरु नाराज हो जाते हैं और उनका शाप मिल सकता है.


- आषाढ़ गुरु पूर्णिमा के दिन भूलकर भी मांस-मदिरा आदि तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.


- क्रोध, ईर्ष्या, किसी का अपमान करना आदि विकारों से दूर रहें.


- यदि व्रत रख रहे हैं तो तमान तरह की सुख सुविधा का त्याग कर दें.


- जब भी गुरु से मिलने जाएं तो खाली हाथ न जाएं, उनके लिए कुछ न कुछ उपहार अवश्य साथ ले जाएं. 


- शिष्य को गुरु के साथ समान आसन पर नहीं बैठना चाहिए. यदि गुरु जमीन पर बैठे हों तो शिष्य को भी जमीन पर बैठना चाहिए.


- गुरु के सामने कभी भी शिष्य को दीवार या अन्य किसी सहारे से टिक कर या फिर पांव फैला कर नहीं बैठना चाहिए.


- कभी भी शिष्य को गुरु की बुराई नहीं करनी चाहिए. ऐसा करना महापाप माना जाता है.


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