Heart Attack : युवाओं के दिल का स्वास्थ्य बढ़ते हुए कमजोर हो रहा है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है. इसके पीछे कई कारण हैं, एक रिपोर्ट के अनुसार बता दें कि आज के लाइफस्टाइल का असर हमारे दिल पर पड़ रहा है, जिसके कारण हार्ट अटैक जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 2015 तक दिल की बीमारियों से परेशान लोगों की संख्या करीब 6.5 करोड़ थी और इसमें से करीब 2.5 करोड़ लोग 40 साल या उससे कम उम्र के थे. WHO की रिपोर्ट भी भारतीयों को डराने वाली है, क्योंकि इसमें बताया गया है कि पिछले 10 साल में हार्ट की बीमारियों से होने वाली मौतों की संख्या 75% है. यहां तक कि दुनिया भर में 2019 में हार्ट की बीमारियों से होने वाली मौतों की संख्या 1.80 करोड़ थी, और इसमें 85% मौतें हार्ट अटैक के कारण हुई थीं.


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हार्ट अटैक कैसे होता है? 
हार्ट स्पेशलिस्टों के अनुसार हार्ट अटैक की कंडीशन 'Myocardial Infarction' कहलाती है. यह वक्ता है जब हार्ट के एक हिस्से की ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है और इसके कारण खून और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है. जिसके परिणामस्वरूप हार्ट का काम करना बंद हो जाता है और इसके बाद इंसान की मौत हो जाती है. हार्ट अटैक का मुख्य कारण आम तौर पर खून के थक्के जमने की स्थिति है, जिसे ब्लड क्लॉटिंग भी कहते हैं, जो धमनियों में फैट जमने के कारण होता है.


युवाओं के दिल का क्यों हो रहा है कमजोर
हालांकि यह बहुत ही चौंकाने वाला है कि युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है, इसके पीछे कई कारण हैं. हार्ट की अज्ञात बीमारियां बिना किसी उचित ट्रेनिंग के अधिक और भारी व्यायाम, डिहाइड्रेशन और ज्यादा उत्तेजना या कैफीन का सेवन युवाओं के दिल को कमजोर कर रहे हैं और हार्ट अटैक की बीमारियां बढ़ रही हैं. बता दें कि दिल के दर्द का महसूस होना, बाएं हाथ की ओर या छाती के नीचे आदि. साथ ही छाती में तेज दर्द और इसका बढ़ता जाना और सांस न आना, कुछ लोगों को हार्ट अटैक के लक्षण में बेहोशी भी हो सकती है.


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