Independence Day: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी के संबोधन के मुरीद हुए लोग, जमकर की तारीफ
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Independence Day: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी के संबोधन के मुरीद हुए लोग, जमकर की तारीफ

Independence Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में अब तक की उल्लेखनीय प्रगति से लेकर भविष्य के एजेंडे के बारे में बताया. 

Independence Day: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी के संबोधन के मुरीद हुए लोग, जमकर की तारीफ

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में अब तक की उल्लेखनीय प्रगति से लेकर भविष्य के एजेंडे के बारे में बताया. उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर अपने सख्त रुख का भी परिचय दिया. उनके संबोधन पर देखते हैं आम जनता की क्या है प्रतिक्रिया.

पटना के रहने वाले शिक्षक रविंद्र कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की तारीफ की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का संबोधन देश हित मे है. वहीं, उन्होंने पीएम मोदी द्वारा संबोधन में ‘सेकुलर कोड’ का उल्लेख किए जाने पर कहा, “जब हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, तो यहां धर्म के आधार पर कोई भी कानून वैधानिक नहीं हो सकता. हम लोग इतने सालों तक अंधेरे में रहे, लेकिन अब विकास हो रहा है और हम लगातार प्रकाश की ओर अग्रसर हैं. हम कमियों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. जो बीत गया सो बीत गया, लेकिन मैं यहां पर इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि जब हमारा राष्ट्र धर्मनिरपेक्ष है, तो हमारा कानून भी धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए. मैं यह भी कहना चाहूंगा कि ‘यूनिफॉर्म सिविल कॉड’ काफी पहले ही आ जाना चाहिए था. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने ये मुद्दा उठाया.”

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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में राजनीति में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी जोर दिया. इस पर लवकेश कुमार ने कहा, “प्रधानमंत्री का यह कदम प्रशंसनीय है. अगर राजनीति में युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी तो निश्चित तौर पर इससे विकास की गति बढ़ेगी. अगर इस कदम को जमीन पर उतारा गया तो सभी लोगों को अपनी बात कहने का हक होगा. सभी के विचारों का स्वागत किया जाएगा, लेकिन यहां एक समस्या यह है कि अगर हम युवाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित करते हैं, तो उनके पास अनुभव का अभाव होगा. ऐसे में उन्हें समस्या पैदा हो सकती है कि आखिर कैसे राजनीति में काम किया जाए. इससे आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इसमें नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही पहलू हैं. ऐसी स्थिति में मुझे लगता है कि कोई भी कदम उठाने से पहले हमें एक दो बार सोच लेना चाहिए.”

प्रधानमंत्री के संबोधन पर पटना की रहने वाली राखी कुमार ने कहा, “पीएम मोदी ने महिलाओं के संदर्भ में सही बात कही है. यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि आज भी महिलाएं घर से बाहर निकलते समय सुरक्षित महसूस नहीं करती. ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो जाता है कि महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि फिर कभी कोई महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने से पहले हजार बार सोचे और हमें यह जानकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में महिला सुरक्षा पर जोर दिया.”

--आईएएनएस

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