Pitru Paksha: पुनपुन नदी घाट पर 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर के बीच अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला आयोजित होगा. इसको लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है. पुनपुन को पिंडदान का प्रथम स्थल कहा जाता है. अपने पितरो के पिंडदान के लिए यहां देश के अलग-अलग राज्यों के अलावा भूटान और नेपाल से भी लोग आते है. श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जाती है.


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जिला प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, बिजली, ठहराव की सुविधा व्यवस्था करता है. ये व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि पितृपक्ष में पितरों को प्रथम पिंडदान करने आए लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. इसके अलावा नदी घाट पर 24 घंटे पुलिस बल की तैनाती की जाती है. शुभारंभ 17 सितम्बर से है. इसको लेकर पुनपुन घाट पर जाने वाली मुख्य सड़कों को दुरुस्त किया जा रहा है.


स्थानीय निवासी मनीष कुमार ने कहा कि घाट पर एक बड़े पंडाल का निर्माण काम हो रहा है. स्थानीय लोग जिला प्रशासन से बेहतर सुविधा देने की मांग कर रहे हैं. मसौढ़ी एसडीएम अमित कुमार पटेल प्रशासन के पदाधिकारी घाट पर तमाम तरह की सुविधा मुहैया कराने की बात कह रहे है.


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दरअसल, इसी पुनपुन नदी से प्रथम पिंड देने के बाद लोग पिंडदान करने गया जाते है. पुनपुन नदी के घाट पर प्रथम पिंडदान किए बिना मोक्ष नगरी गया में पितरों को किया गया पिंडदान बेकार माना जाता है, क्योंकि पुराणों में पुनपुन नदी को आदि गंगा कहा गया है.


रिपोर्ट: प्रभंजन सिंह


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