झारखंड सरकार द्वारा पान मसालों को बैन किए जाने वाली अधिसूचना निरस्त, जानें पूरा मामला
Jharkhand News: मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सुनवाई की मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायाधीश आनंदा सेन की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया है.
रांची : झारखंड सरकार द्वारा पान मसालों को बैन किए जाने वाली अधिसूचना को निरस्त कर दिया गया है. सरकार ने उसे वक्त यह कहते हुए बैन किया था कि इसमें मैग्नीशियम कार्बोनेट होने की पुष्टि हुई है जिसे हार्ट अटैक का खतरा बनता है.
झारखंड हाई कोर्ट से राज्य सरकार के द्वारा 8 में 2020 को रजनीगंधा समय 11 पान मसाले पर बैन लगाए जाने बाली अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है. गेटन की झारखंड के फूड सेफ्टी कमिश्नर अरुण कुमार ने इस संदर्भ में आदेश जारी किया था. आदेश में यह कहा गया था कि अगर कोई उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, सरकार की है दलील थी कि 2019-20 में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से 41 प्रकार के पान मसाला के सैंपल लिए गए जांच में मैग्नीशियम कार्बोनेट होने की पुष्टि हुई जिससे हार्ट अटैक का खतरा बनता है.
सरकार ने कहा था कि इन सभी पदार्थों से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है ऐसे में इसे बैन किया जाना चाहिए इस पूरे मामले को लेकर रजनीगंधा पान मसाला के मालिक धरमपाल सत्यपाल ने झारखंड हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी. जिस पर मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सुनवाई की मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायाधीश आनंदा सेन की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया है.
अब झारखंड में पान मसाले पर बैन नहीं रहेगा, गेटन की झारखंड सरकार ने जिन 11 पान मसाला पर बैन लगाया था उसमें रजनीगंधा पराग पान मसाला शिखर पान मसाला दिलरुबा राज निवास पान मसाला मुसाफिर मधु विमल बाहर सेहरत और पान पराग प्रीमियम पान मसाला शामिल है.
इनपुट- आयुष कुमार सिंह
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