Kartik Maas 2024: भगवान विष्णु के प्रिय महीने में किन कार्यों से करें परहेज?
Kartik Maas 2024: इस साल कार्तिक मास 18 अक्टूबर से शुरू होगा और 15 नवंबर को समाप्त होगा. इस महीने में तामसिक भोजन और नशीले पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए.
Kartik Maas 2024: हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व होता है, जिसे भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना जाता है. इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा और भक्ति से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और शांति मिलती है. इस माह में किए गए पुण्य कर्मों से पापों का नाश होता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु चार महीने के योग-निद्रा के बाद कार्तिक माह में जागते हैं, और इसके साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.
कब से शुरू होगा कार्तिक मास?
आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस साल कार्तिक मास की शुरुआत 18 अक्टूबर से हो रही है और इसका समापन 15 नवंबर को होगा. इस दौरान लोग भगवान विष्णु की पूजा, व्रत और भक्ति में लीन रहते हैं.
कार्तिक मास में इन चीजों से करें परहेज
तामसिक भोजन से परहेज: कार्तिक माह में तामसिक भोजन, जैसे मांस, मछली और नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. यह समय सात्विक आहार अपनाने का है, जिससे मन और शरीर में शांति और संतुलन बना रहता है.
भूमि पर सोना: इस महीने में भूमि पर सोना लाभकारी माना जाता है. ऐसा करने से शरीर में सात्विक ऊर्जा का विकास होता है और मन में शुद्धता आती है. इसलिए, बिस्तर या पलंग पर सोने से बचना चाहिए.
दालों का सेवन नहीं करें: इस महीने में उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई जैसी दालों का सेवन करने से परहेज करें. धार्मिक मान्यता के अनुसार इनका सेवन इस अवधि में उचित नहीं होता है.
तेल का उपयोग न करें: कार्तिक मास में नरक चतुर्दशी को छोड़कर अन्य दिनों में तेल लगाना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से आर्थिक नुकसान की संभावना रहती है, इसलिए तेल का उपयोग कम करें.
ब्रह्मचर्य का पालन: इस महीने में ब्रह्मचर्य का पालन करना अत्यंत आवश्यक है. ऐसा न करने पर चंद्रमा के नकारात्मक प्रभाव से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
दोपहर में न सोएं: इस महीने में दोपहर के समय सोने से बचें, क्योंकि यह स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. धार्मिक रूप से भी इसे अनुचित माना गया है.
इन खाद्य पदार्थों से परहेज करें: इस महीने में बैंगन, दही, छाछ और जीरा जैसे खाद्य पदार्थों से भी परहेज करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये खाद्य पदार्थ कार्तिक मास में सेवन नहीं किए जाते.
आचार्य के अनुसार इस प्रकार कार्तिक मास में इन बातों का ध्यान रखकर व्यक्ति पुण्य की प्राप्ति कर सकता है और अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकता है.
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