Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा की रात को खुले आसमान के नीचे खीर रखना शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ पूरा होता है. रात 8:40 बजे के बाद खीर को बाहर रखने का सही समय होता है, जिसे चंद्रमा की रोशनी में रखकर अगले दिन इसका सेवन किया जाता है.
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Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा का पर्व आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस दिन बहुत से लोग उपवास रखते हैं और माता लक्ष्मी की पूजा विधिपूर्वक करते हैं. इस पर्व से जुड़ी एक खास परंपरा है, जिसमें रात के समय चंद्रमा की रोशनी में खीर को खुले आसमान के नीचे रखा जाता है. मान्यता है कि चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं और इस खीर का सेवन करने से सेहत में लाभ होता है. इस साल शरद पूर्णिमा का व्रत 16 अक्टूबर को रखा जा रहा है.
आचार्य मदन मोहन के अनुसार शरद पूर्णिमा की तिथि 16 अक्टूबर की शाम 7:59 बजे शुरू होगी और 17 अक्टूबर की शाम 5:34 बजे समाप्त होगी. चंद्रमा का उदय इस दिन शाम 5:04 बजे होगा. शरद पूर्णिमा की रात को 8:40 बजे के बाद खीर को बाहर रखना शुभ माना जाता है, क्योंकि इस रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ पूरा होता है.
इसके अलावा बता दें कि ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो लोग इस दिन श्रद्धा से पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन की चांदनी रात और चंद्रमा की किरणें विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती हैं, जिससे स्वास्थ्य लाभ होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है.
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